चीन के नए घोषित वायु रक्षा क्षेत्र के ऊपर पनपे जबर्दस्त तनाव के बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जो बाइडेन एशिया की यात्रा पर रवाना हो गए।
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा, 'बाइडेन बीजिंग में रुकेंगे और इस दौरान वे क्षेत्र में पनपे तनाव सहित चिंताजनक विषयों पर चर्चा करेंगे।' बयान में यह भी कहा गया है कि जापान, चीन और दक्षिण कोरिया की बाइडेन की इस यात्रा का उद्देश्य अमेरिका को प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक शक्ति के तौर पर स्थापित करना है और साथ ही साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अमेरिकी विदेश नीति के पुनर्संतुलन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाना है।
उपराष्ट्रपति के विमान एयर फोर्स-2 ने शाम 5:03 बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार 22 बजकर 03 बजे) उड़ान भरी। सात दिसंबर को बाइडेन अमेरिका वापस लौट आएंगे।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने इस सप्ताह कहा कि बाइडेन चीन के नए घोषित वायु रक्षा क्षेत्र के संबंध में अपनी चिंता जताना चाहते हैं और वे इस कदम के संबंध में चीन के स्पष्ट इरादे जानना चाहते हैं।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने इससे पूर्व कहा था कि जाहिर तौर पर इस तरह की विरोधाभासी प्रतिक्रिया के बाद वे तोकियो में बाइडेन से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
चीन की गत 23 नवंबर को की गई इस नए क्षेत्र की घोषणा के बाद से क्षेत्र में तनाव फैल गया था क्योंकि इस क्षेत्र में पूर्वी चीन सागर का वह द्वीपसमूह भी आत है जिसे लेकर बीजिंग और तोकियो के बीच विवाद है। इसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र से गुजरने के पहले सभी विमानों को अपनी उड़ान योजना के बारे में बताना होगा। तोकियो ने जापानी विमान सेवाओं को अपनी इस तरह की कोई भी योजना सौंपने से मना कर दिया है लेकिन, उधर वाशिंगटन ने कहा है कि उसके अपने अमेरिकी विमानवाहक पोतों से अपेक्षा की जाती है कि वे अन्य देशों द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
अपनी इस यात्रा के दौरान बाइडेन तीनों देशों के वरिष्ठतम नेताओं से मुलाकात करने के अलावा नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे।
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