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नेतन्याहू को गिरफ्तारी का डर! अरेस्ट वारंट की दहशत में बदला हवाई रास्ता! यूरोप को चकमा देकर ऐसे पहुंचे अमेरिका

फ्लाइट ट्रैकर में दिखा कि बेंजामिन नेतन्याहू का प्लेन उन देशों के उपर से नहीं गुजरा जो गिरफ्तारी वारंट जारी करने वाले इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं. अगर प्लेन उनके हवाई क्षेत्र में आता तो वो प्लेन को उतरने के लिए मजबूर कर सकते थे.

नेतन्याहू को गिरफ्तारी का डर! अरेस्ट वारंट की दहशत में बदला हवाई रास्ता! यूरोप को चकमा देकर ऐसे पहुंचे अमेरिका
बेंजामिन नेतन्याहू का प्लेन उन देशों के उपर से नहीं गुजरा जो ICC के सदस्य हैं
  • इजरायल के PM बेंजामिन नेतन्याहू का प्लेन अमेरिका की यात्रा के दौरान यूरोप के हवाई क्षेत्र से नहीं गुजरा
  • नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री पर गाजा में युद्ध अपराधों के लिए ICC ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है
  • यूरोप के कई ICC सदस्य देशों ने कहा है कि अगर नेतन्याहू उनके क्षेत्र में आए तो उन्हें हिरासत में लिया जाएगा
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इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को गिरफ्तारी का डर सताने लगा है. बेंजामिन नेतन्याहू को अमेरिका के न्यूयॉर्क जाना था लेकिन उन्होंने यूरोप के उपर से गुजरने से परहेज किया. ऐसा प्रतीत होता है कि वे उन देशों के हवाई क्षेत्र से दूर रहे जहां उन्हें कथित युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है. इजरायली पीएम के आधिकारिक प्लेन, जिसका नाम "विंग्स ऑफ सिय्योन" है, उसने गुरुवार, 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर जाते समय ऐसा हवाई रूट लिया ताकिन यूरोप के हवाई क्षेत्र से न गुजरना पड़े.

उनका यह नया हवाई रूट फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा में साफ दिखा. दरअसल नवंबर 2024 में नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री, योव गैलेंट दोनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट/ ICC) ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. दोनों पर गाजा में युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया गया था. इन आरोपों का इजरायल दृढ़ता से खंडन करता है.

ऐसे में यूरोप में कई देश जो ICC के सदस्य हैं, उन्होंने वारंट के तहत अपने दायित्वों का हवाला देते हुए सार्वजनिक रूप से कहा है कि यदि नेतन्याहू उनके क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो वे उन्हें हिरासत में ले लेंगे.

फ्लाइट ट्रैकर में दिखा कि नेतन्याहू का प्लेन उन देशों के उपर से नहीं गुजरा जो ICC के सदस्य हैं. अगर प्लेन उनके हवाई क्षेत्र में आता तो वो प्लेन को उतरने के लिए मजबूर कर सकते हैं. इसके बजाय, नेतन्याहू के प्लेन ने एक सदर्न आर्क लिया, जो केवल ग्रीस और इटली के किनारों से होकर गुजरा, भूमध्य सागर को पार किया, फिर अन्य यूरोपीय देशों से गुजरे बिना जिब्राल्टर जलडमरूमध्य के माध्यम से अटलांटिक के ऊपर चला गया.

आमतौर पर, अमेरिका के लिए जाने वाली इजरायली उड़ानें फ्रांसीसी हवाई क्षेत्र सहित मध्य यूरोप में तेजी से, अधिक सीधा रास्ता अपनाती हैं. लेकिन नेतन्याहू ने जो अगल रास्ता लिया, उसके चक्कर में उन्हें लगभग 600 किमी अधिक उड़ान भरनी पड़ी.

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