सीरिया में बशर अल-असद (Bashar Al Assad) के सत्ता से हटने के बाद देश में अनिश्चितता के हालत हैं. 8 दिसंबर 2024 को राजधानी दमिश्क पर विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के कब्जे के बाद, असद देश छोड़कर रूस में हैं. असद के जाने के बाद, सीरिया में अभी किसी की भी सरकार नहीं है. एक स्थिर सरकार की स्थापना अब तक नहीं हो पाई है. विभिन्न गुटों के बीच संघर्ष जारी है. इधर पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के नाम से टेलीग्राम चैनल पर एक बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि उनका सीरिया छोड़ने का कभी कोई इरादा नहीं था. साथ ही उन्होंने कहा कि सीरिया पर आंतकियों का अभी कब्जा है. वहीं अमेरिका के नवर्निवाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि सीरिया में हुए सत्ता परिवर्तन के पीछे तुर्की का हाथ है.
ट्रंप ने कहा- तुर्की ने करवाया सीरिया में सत्ता परिवर्तन: सीरिया के मुद्दे को लेकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बशर अल-असद को सत्ता से उतारने वाले इस्लामिक समूहों के पीछे तुर्की का हाथ था. साथ ही उन्होंने असद पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वो मैं कह सकता हूं कि असद एक कसाई की तरह था.
सीरिया से बातचीत के लिए तैयार इटली : इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि इटली सीरिया के साथ बातचीत के लिए तैयार है. साथ ही उन्होंने 'अधिकतम सावधानी' बरतने का आग्रह किया है.
गोलान हाइट्स पर इजरायल की नजर: इजरायल सरकार ने गोलान हाइट्स में बस्तियों के विस्तार की योजना को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई. गोलान हाइट्स सीरिया का एक क्षेत्र है, जिस पर वर्तमान में इजरायल का कब्जा है. इजरायल के सैन्य प्रमुख हरजी हलेवी ने कहा है कि उनका देश सीरिया में हस्तक्षेप नहीं करेगा लेकिन, उनका ध्यान इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में 'आतंकवादी तत्वों' को अपनी जड़ें जमाने से रोकने पर रहेगा.
एर्दोगन से मिली यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष : यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने बशर अल असद सरकार के तख्तापलट के बाद मंगलवार को तुर्की के नेता रेसेप तैयप एर्दोगन के साथ बातचीत शुरू की. यह बातचीत यूरोपीय कमीशन द्वारा तुर्की के माध्यम से सीरिया को शुरुआती 50 टन स्वास्थ्य आपूर्ति पहुंचाने के लिए "एयर ब्रिज" ऑपरेशन शुरू करने की घोषणा के बाद हुई है.
ब्रिटेन ने एचटीएस के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित किया: ब्रिटिश सरकार ने सीरियाई विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित किया है, जो अब अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद से सत्ता छीनकर देश पर नियंत्रण कर चुके हैं.ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैम्मी ने इस की पुष्टि करते हुए कहा कि एचटीएस अभी भी एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है, लेकिन ब्रिटेन राजनयिक संपर्क बना सकता है और हम ऐसा करते हैं जैसा कि आप उम्मीद करेंगे.
सीरिया संकट का असर हिजबुल्लाह पर: हिजबुल्लाह नेता नईम कासिम ने माना है कि सीरिया में हुए संघर्ष का असर उस मार्ग पर भी पड़ा है जिससे होकर उनके हथियार पहुंचते थे. असद सरकार के पतन के बाद शनिवार को अपने पहले टेलीविजन संबोधन में, कासिम ने व्यवधान को स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि एक बार नई व्यवस्था स्थापित हो जाने पर आपूर्ति मार्ग को बहाल किया जा सकता है, या हिजबुल्लाह वैकल्पिक मार्गों की तलाश कर सकता है.
असद देश छोड़ना नहीं चाहते थे: सीरिया के निष्कासित राष्ट्रपति बशर अल-असद ने सोमवार को कहा कि वह सीरिया को छोड़कर जाना नहीं चाहते थे. अल-असद ने कहा कि मेरी देश छोड़ने की कोई योजना नहीं थी.
शर्तें पूरी होने के बाद खुलेगा ईरानी दूतावास : ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीरिया स्थित उसका दूतावास आवश्यक शर्तें पूरी होने के बाद फिर से खुल जाएगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दमिश्क में दूतावास को फिर से खोलने के लिए तैयारी की जरूरत है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण दूतावास और उसके कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
फ्रांस के दूतावास पर फहराया झंडा : सीरिया के दौरे पर पहुंचे फ्रांस के विशेष दूत जीन-फ्रेंकोइस गुइलाउम ने कहा कि इस बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल होने के बाद उनका देश सीरिया के लोगों के साथ खड़ा है. दमिश्क में मार्च 2012 के बाद से बंद फ्रांसीसी दूतावास पर फ्रांस का झंडा फहराया गया है.
अभी कौन चलाएगा सरकार?- अरब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के लीडर मोहम्मद अल-बशीर सीरिया के अंतरिम सरकार के मुखिया होंगे. इससे पहले उन्होंने सीरिया के इदलिब राज्य में HTS की सरकार का नेतृत्व किया था. बशर अल असद का ताल्लुक अलावी समुदाय से है. यह समुदाय सीरिया में अल्पसंख्यक है. सीरिया में अलावी समुदाय की आबादी महज 12% है, लेकिन सत्ता इसी अलावी राजवंश के पास थी.