वाशिंगटन:
"एक दशक के युद्ध का अब अंत हो रहा है।" यह कहते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की। बंदूक नियंत्रण और आव्रजन सुधार जैसी चुनौतियों का समाधान करने को उन्होंने अपनी प्रगतिशील कार्यसूची में शामिल किया और साथ ही अपने जोशीले भाषण से अमेरिकियों को झकझोरा।
अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में ओबामा ने कहा, "प्रगति हमें सदियों से चली आ रही सरकार की भूमिका पर चर्चा का हमेशा के लिए समाधान करने पर मजबूर नहीं करती, बल्कि यह हमसे हमारे समय में काम करने की जरूरत बताती है।"
राष्ट्रपति ने 18 मिनट में 2,100 से कुछ ज्यादा शब्दों में दिए गए भाषण में दूसरे कार्यकाल के लिए अपनी दृष्टि पेश करते हुए कहा, "मेरे अमेरिकी साथियों हम इस घड़ी के लिए बने हैं और हम इस पर काबू पाएंगे। हम तब तक इसे काबू में रखेंगे जब तक एक साथ रहेंगे।"
दुनियाभर में लोकतंत्र की महिमा का बखान करते हुए ओबामा ने कहा, "अमेरिका दुनिया के हर कोने में मजबूत गठबंधन का सूत्रधार रहेगा।" उन्होंने कहा कि दुनिया की शांति की जितनी चिंता दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश को है, उतनी और किसी को नहीं है। अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की अगले साल होने वाली वापसी का सीधा जिक्र किए बगैर उन्होंने कहा, "एक दशक पुराना युद्ध अब समाप्त हो रहा है।"
जलवायु परिवर्तन की समस्या को सुलझाने की जरूरत पर उन्होंने कहा, "कुछ लोग अब भी विज्ञान के दुष्प्रभाव से इनकार कर सकते हैं, लेकिन कोई भी प्रचंड अग्नि, भयंकर सूखे और प्रलयंकारी तूफानों के प्रभाव से बच नहीं सकता है।"
ओबामा ने कहा कि हम सब रचना से समान हैं यही सोच पीढ़ियों से पुरुषों और महिलाओं को प्रेरणा देती रही है। उन्होंने कहा, "लेकिन समानता की यह यात्रा तब तक पूरी नहीं होती है, जब तक कि हमारे समलैंगिक भाइयों और बहनों को कानून में वही सुविधा हासिल हो, जो अन्य को उपलब्ध है।" उन्होंने कहा कि सेनेका फॉल्स, सेल्मा और स्टोनवाल से जो क्रांति शुरू हुई, उसे आगे ले जाना हमारी पीढ़ी का काम है।
सेनेका फॉल्स न्यूयार्क का एक शहर है। यहां 1848 में हुए एक सम्मेलन के बाद महिला अधिकार आंदोलन शुरू हुआ था। सेल्मा का मतलब अलाबामा में 1965 में शुरू हुए सामाजिक आंदोलन से है, जबकि न्यूयार्क शहर का स्टोनवाल धर्मशाला वह जगह है, जहां से एक पुलिस कार्रवाई के बाद 1969 में आधुनिक समलैंगिक अधिकार आंदोलन शुरू हुआ था।
अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में ओबामा ने कहा, "प्रगति हमें सदियों से चली आ रही सरकार की भूमिका पर चर्चा का हमेशा के लिए समाधान करने पर मजबूर नहीं करती, बल्कि यह हमसे हमारे समय में काम करने की जरूरत बताती है।"
राष्ट्रपति ने 18 मिनट में 2,100 से कुछ ज्यादा शब्दों में दिए गए भाषण में दूसरे कार्यकाल के लिए अपनी दृष्टि पेश करते हुए कहा, "मेरे अमेरिकी साथियों हम इस घड़ी के लिए बने हैं और हम इस पर काबू पाएंगे। हम तब तक इसे काबू में रखेंगे जब तक एक साथ रहेंगे।"
दुनियाभर में लोकतंत्र की महिमा का बखान करते हुए ओबामा ने कहा, "अमेरिका दुनिया के हर कोने में मजबूत गठबंधन का सूत्रधार रहेगा।" उन्होंने कहा कि दुनिया की शांति की जितनी चिंता दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश को है, उतनी और किसी को नहीं है। अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की अगले साल होने वाली वापसी का सीधा जिक्र किए बगैर उन्होंने कहा, "एक दशक पुराना युद्ध अब समाप्त हो रहा है।"
जलवायु परिवर्तन की समस्या को सुलझाने की जरूरत पर उन्होंने कहा, "कुछ लोग अब भी विज्ञान के दुष्प्रभाव से इनकार कर सकते हैं, लेकिन कोई भी प्रचंड अग्नि, भयंकर सूखे और प्रलयंकारी तूफानों के प्रभाव से बच नहीं सकता है।"
ओबामा ने कहा कि हम सब रचना से समान हैं यही सोच पीढ़ियों से पुरुषों और महिलाओं को प्रेरणा देती रही है। उन्होंने कहा, "लेकिन समानता की यह यात्रा तब तक पूरी नहीं होती है, जब तक कि हमारे समलैंगिक भाइयों और बहनों को कानून में वही सुविधा हासिल हो, जो अन्य को उपलब्ध है।" उन्होंने कहा कि सेनेका फॉल्स, सेल्मा और स्टोनवाल से जो क्रांति शुरू हुई, उसे आगे ले जाना हमारी पीढ़ी का काम है।
सेनेका फॉल्स न्यूयार्क का एक शहर है। यहां 1848 में हुए एक सम्मेलन के बाद महिला अधिकार आंदोलन शुरू हुआ था। सेल्मा का मतलब अलाबामा में 1965 में शुरू हुए सामाजिक आंदोलन से है, जबकि न्यूयार्क शहर का स्टोनवाल धर्मशाला वह जगह है, जहां से एक पुलिस कार्रवाई के बाद 1969 में आधुनिक समलैंगिक अधिकार आंदोलन शुरू हुआ था।
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