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शेख हसीना का तख्ता पलटने वाले छात्रों की पार्टी को चुनाव में क्यों चाहिए यह फूल!

एनसीपी के मुख्य आयोजक सरजिस आलम ने अपने सोशल मीडिया पर कहा कि चूंकि कोई कानूनी बाधा नहीं है, इसलिए एनसीपी को यह चुनाव सिंबल मिल सकता है.

शेख हसीना का तख्ता पलटने वाले छात्रों की पार्टी को चुनाव में क्यों चाहिए यह फूल!
  • नाहिद इस्लाम की नेशनल सिटीजन्स पार्टी ने मांग के अनुसार चुनाव चिन्ह नहीं मिलने पर विरोध प्रदर्शन की बात कही है
  • EC ने पुष्टि की कि एनसीपी ने शापला, कलम और मोबाइल फोन के लिए आवेदन किया था लेकिन बाद में शापला पर अड़ी है
  • NCP के मुख्य आयोजक सरजिस आलम ने सोशल मीडिया पर भी अपनी मांग के समर्थन में पोस्ट किया है
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ढ़ाका:

नाहिद इस्लाम के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की नेशनल सिटीजन्स पार्टी (एनसीपी) ने धमकी दी है कि अगर उसे उसके द्वारा मांगे गए चिन्हों में से एक-लाल या सफेद शापला (वाटर लिली) आवंटित नहीं किया गया, तो वह फरवरी 2026 के आम चुनावों को रोक देगी. चुनाव आयोग (ईसी) ने पुष्टि की है कि एनसीपी ने शुरुआत में 'शापला,' कलम, या मोबाइल फोन के लिए आवेदन किया था, लेकिन बाद में उसने अपने अनुरोध को संशोधित कर दिया और बांग्लादेश के राष्ट्रीय पुष्प और राष्ट्रीय प्रतीक- 'शापला' को चुनाव चिन्ह के रूप में लेने पर अड़ी हुई है.

एनसीपी के मुख्य आयोजक सरजिस आलम ने अपने सोशल मीडिया पर कहा, "चूंकि कोई कानूनी बाधा नहीं है, इसलिए एनसीपी का चिन्ह शापला ही होना चाहिए. कोई और विकल्प नहीं है. वरना, हम यह भी देखेंगे कि चुनाव कैसे होते हैं और कौन सत्ता हासिल करने और लूट का आनंद लेने का सपना देखता है."

24 सितंबर को, एनसीपी संयोजक इस्लाम ने चुनाव आयोग को एक आवेदन ईमेल करके 'शापला' को चुनाव चिन्ह के रूप में देने का अनुरोध किया था. यह तब हुआ जब चुनाव आयोग ने उनका अनुरोध यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि पार्टी को यह चिन्ह आवंटित नहीं किया जाएगा.

एनसीपी के आवेदन में कहा गया है कि 4 जून को एनसीपी के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग कार्यालय में समिति के एक सदस्य से मुलाकात की थी, जहां उन्हें आश्वासन दिया गया था कि 'शापला' को अंतिम सूची में शामिल किया जाएगा. इसके बाद, 22 जून को, पार्टी ने चुनाव आयोग की 10 मार्च की सार्वजनिक अधिसूचना के अनुरूप राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन किया और 'शापला' चुनाव चिन्ह आरक्षित करने की भी मांग की. हालाँकि, चुनाव आयोग ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया.

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