- बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद हिंसक दंगे भड़क गए हैं, तोड़फोड़ और आगजनी हो रही
- पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 25 दिसंबर को बांग्लादेश लौटने की योजना बना रहे हैं
- तारिक रहमान लंदन में निर्वासन में हैं, आम चुनाव में पार्टी के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद
Bangladesh Violence: बांग्लादेश एक बार फिर जल उठा है. इंकलाब मंच के छात्र नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसक दंगे भड़क रहे हैं. राजधानी ढाका से लेकर वहां के कई शहरों में हिंसक भीड़ तोड़फोड़ कर रही है, आगजनी कर रही है. जब बांग्लादेश में यह सब हो रहा है, तब वहां से एक और बड़ी खबर आई है. शेख हसीना के सबसे बड़े विरोधी और पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान आम चुनाव से पहले 25 दिसंबर को बांग्लादेश लौटने की योजना बना रहे हैं. बांग्लादेश के अखबार प्रोथोम अलो के मुताबिक, रहमान ने लंदन में बांग्लादेश उच्चायोग में यात्रा पास के लिए अपना एप्लीकेशन जमा किया है.
बता दें कि रहमान लंदन में निर्वासन में रह रहे हैं. रहमान को 2007 में गिरफ्तार किया गया था और 2008 में जेल से रिहा होने के बाद, वह इलाज के लिए अपने परिवार के साथ यूनाइटेड किंगडम गए और तब से वहीं हैं. बेगम खालिदा जिया की पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी उत्साहित नजर आ रही है. वह तारिक रहमान की वापसी को धमाकेदार बनाने के लिए विशेष व्यवस्था कर रही है क्योंकि उनसे आम चुनाव के लिए पार्टी के अभियान में एक प्रमुख भूमिका निभाने की उम्मीद है.
फिर हिंसा की चपेट में बांग्लादेश
जुलाई में विद्रोह के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादीन की मौत के बाद शुक्रवार को बांग्लादेश में तनाव फैल गया, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और हिंसा शुरू हो गई. गुरुवार की सुबह में हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई, लेकिन जैसे ही अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस ने इंकलाब मंच नेता हादी की मौत की पुष्टि की, रात में देश के विभिन्न हिस्सों में हमले और बर्बरता देखी गई.
बता दें कि हादी 12 फरवरी को होने जा रहे आम चुनाव में उम्मीदवार बनने वाले थे. पिछले सप्ताह जब उन्होंने मध्य ढाका के बिजयनगर इलाके में अपना चुनाव अभियान शुरू किया था, तभी नकाबपोश बंदूकधारियों ने उनके सिर में गोली मार दी थी. छह दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
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