विज्ञापन

बांग्लादेश में 'नई सरकार', कठपुतली बनेंगे यूनुस या फिर खेवनहार? 5 बड़े सवाल

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद गुरुवार की शाम नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार का गठन होगा. इस अंतरिम सरकार को सेना का समर्थन हासिल है.

बांग्लादेश में 'नई सरकार', कठपुतली बनेंगे यूनुस या फिर खेवनहार? 5 बड़े सवाल
बांग्लादेश में आज होगा अंतरिम सरकार का गठन
नई दिल्ली:

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों का दौर बीते दिनों हुए तख्तापलट के साथ ही अब खत्म होता दिख रहा है. बुधवार को इन प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे छात्र नेताओं और सेना के आला अधिकारियों के बीच हुई बैठक में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार बनाने का फैसला किया गया है. इस सरकार को सेना का भी पूरा समर्थन हासिल होगा.  बताया जा रहा है कि मुहम्मद यूनुस गुरुवार रात आठ बजे शपथ ले सकते हैं. मुहम्मद यूनुस के शपथ लेते ही बांग्लादेश में कई महीनों से चले आ रहे प्रदर्शनों का दौर रुक जाएगा. जनता इन प्रदर्शनों के शुरुआत से ही चाहती थी कि शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बेदखल किया जाए. इसकी सबसे बड़ी वजह थी सरकारी नौकरी में आरक्षण को लागू ना करने का फैसला.

Latest and Breaking News on NDTV

शेख हसीना सरकार आरक्षण को दोबारा से लागू करने के पक्ष में नहीं थी. सरकार के इसी फैसले की वजह से पूरे देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का दौर शुरू हुआ था.और अब जब बांग्लादेश में तख्तापलट हो चुका है और शेख हसीना देश छोड़कर जा चुकी हैं तो अब ऐसे प्रदर्शनों को आगे जारी रखने का कोई औचित्य नहीं बचता है. बीते दिनों तख्तापलट और देश में नई सरकार के गठन की तैयारियों के बीच अब कई अहम सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब नई सरकार को ढूंढ़ना होगा.

मसलन, हिंसा की आग में जलते बांग्लादेश में सब कुछ सामान्य करने के लिए क्या कुछ किया जाएगा, नई सरकार के आगे क्या-क्या चुनौतियां हैं, क्या फिर बांग्लादेश की राजनीति में होगी शेख हसीना की एंट्री और क्या इस हालात का देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को समय रहते कम किया जा सकेगा. 

बांग्लादेश को इस बुरे दौर से निकालने पर रहेगा फोकस - मुहम्मद यूनुस

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की बागडोर संभालने जा रहे नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने देश के मौजूदा हालात पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि अंतरिम सरकार के बनने के बाद उनका पहला काम होगा देश में हर तरफ शांति बहाल करना. हम चाहते हैं कि जितनी जल्दी हो सके देश को इस बुरे दौर से बाहर निकाला जाए. हम इसके लिए सरकार बनते ही काम शुरू करेंगे. 

Latest and Breaking News on NDTV


कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने से लेकर लोगों का भरोसा जीतने तक

बांग्लादेश में बनने जा रही अंतरिम सरकार के सामने मौजूदा हालत में कई अहम चुनौतियां हैं. अंतरिम सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वह किस तरह से जल्द से जल्द देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और बेहतर कर सकती है. साथ ही साथ आम जनता का विश्वास जीतना भी एक बड़ी चुनौती की तरह होगा. इस माहौल में आम जनता को सुरक्षित महसूस करना भी एक बड़ी चुनौती की तरह होगा. अब देखना ये है कि अंतरिम सरकार इन चुनौतियों से कितनी जल्दी और किस तरह से पार पाती है. 

इस 'जीत' का आम बांग्लादेशी के लिए क्या है मायने

शेख हसीना को सत्ता से हटाने को आम बांग्लादेशी अपनी एक बड़ी जीत के तौर पर देख रहे हैं. आम बांग्लादेशी जनता शेख हसीना के उस फैसले के खिलाफ थी जिसके तहत पूर्व प्रधानमंत्री ने देश में सरकारी नौकरी में मिलने वाले आरक्षण को फिर से लागू करने से मना कर दिया था. अब बांग्लादेश में सेना के समर्थन से एक अंतरिम सरकार बनने जा रही है. इस सरकार की बागडोर महुम्मद यूनुस संभालेंगे. देश की जनता को नई सरकार से कई उम्मीदे हैं. बीते कुछ महीनों में देश में जिस तरह की हिंसा हुई है और उससे जितना नुकसान हुआ है. उसकी भरपाई करने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर फिर से लाने के लिए नई सरकार को काफी कुछ करना होगा.आम बांग्लादेशी भी नई सरकार से रोजगार के नए अवसर से लेकर अपनी सुरक्षा का भरोसा चाहेगी. 

Latest and Breaking News on NDTV

क्या फिर वापसी करेंगी शेख हसीना, उनकी पार्टी का क्या होगा ?

देश में अंतरिम सरकार बनाए जाने के ऐलान के बाद से ही ये चर्चा बेहद आम हो चली है कि आखिर अब शेख हसीना के पास क्या विकल्प हैं. क्या वो आने वाले दिनों में एक बार फिर देश की राजनीति में वापसी करेंगी और उनकी पार्टी (आवामी लीग) का क्या होगा ? कुछ दिन पहले बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में शेख हसीना के बेटे जॉय ने साफ कर दिया था कि शेख हसीना अब सक्रिय राजनीति में वापसी नहीं करेंगी. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह बताई गई थी उनकी उम्र. जॉय ने कहा था कि शेख हसीना इस बात से भी बेहद दुखी हैं कि उन्होंने जिन अल्पसंख्यकों के लिए इतना कुछ किया वो ही आज  उनके खिलाफ हैं. जहां तक बात उनकी पार्टी आवामी लीग की है तो वह बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है और आगे भी वह ऐसे ही बनी रहेगी. 

Latest and Breaking News on NDTV

भारत के लिए क्या हैं मायने ? 

बांग्लादेश और भारत के बीच मजबूत रिश्ते का एक लंबा इतिहास है. शेख हसीना की सरकार के साथ भी भारत के संबंध बेहद मजबूत रहे थे. अब जब बांग्लादेश में नई सरकार सत्ता में आ रही है तो इन संबंधों को नए तरीके से और मजबूत बनाने पर काम किया जाएगा. भारत हमेशा से ही बांग्लादेश की मदद के लिए आगे रहा है. भारत को उम्मीद होगी कि बांग्लादेश की नई सरकार भी दोनों देश के बीच के संबंध को और मजबूती देने का काम करेगी. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com