बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को हिंसा प्रभावित देश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की निंदा करते हुए इन्हें ‘‘जघन्य'' करार दिया और युवाओं से सभी हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों की रक्षा करने का आग्रह किया.
हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में दो हिंदू संगठनों - बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद - के अनुसार, पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा.
‘ढाका ट्रिब्यून' समाचार पत्र की खबर के अनुसार, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस ने विरोध-प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले छात्रों को आगाह किया कि वे अपने प्रयासों को उन लोगों के हाथों बर्बाद न होने दें जो उनकी प्रगति में बाधा पहुंचाना चाहते हैं. उन्होंने रंगपुर शहर में बेगम रुकैया विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपके प्रयासों को विफल करने के लिए कई लोग खड़े हैं. इस बार असफल मत होइए.''
उन्होंने राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘क्या वे इस देश के निवासी नहीं हैं? आप देश को बचाने में सक्षम हैं, तो क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते?...आपको कहना चाहिए - कोई भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता. वे मेरे भाई हैं, हमने एक साथ लड़ाई लड़ी है और हम एक साथ रहेंगे.''
यूनुस ने हिंसा प्रभावित देश के लोगों से अपील की कि वे छात्र नेता अबू सईद का अनुकरण करें जो सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान बहादुरी के साथ डटे रहे जिससे शेख हसीना सरकार के पतन का मार्ग प्रशस्त हुआ.
रंगपुर के बेगम रुकैया विश्वविद्यालय के 25 वर्षीय छात्र सईद 16 जुलाई को भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में सबसे पहले मारे गए प्रदर्शनकारियों में से एक थे.
यूनुस ने सईद के परिवार से मिलने के बाद पत्रकारों से कहा,‘‘हमें अबू सईद की तरह खड़ा होना होगा... अबू सईद की मां सबकी मां हैं. हमें उनके भाइयों और बहनों की रक्षा करनी होगी. सबको मिलकर यह काम करना होगा.''
यूनुस ने कहा कि नये बांग्लादेश के निर्माण की जिम्मेदारी प्रत्येक बांग्लादेशी की है.उन्होंने कहा, ‘‘अबू सईद अब सिर्फ एक परिवार का सदस्य नहीं रह गया है. वह बांग्लादेश के सभी परिवारों का बच्चा है. जो बच्चे बड़े होकर स्कूल और कॉलेज जाएंगे, वे अबू सईद के बारे में जानेंगे और खुद से कहेंगे कि मैं भी न्याय के लिए लड़ूंगा. अबू सईद अब हर घर में हैं.''
प्रदर्शनकारियों ने - ‘‘हिंदुओं को बचाओ'', ‘‘मेरे मंदिरों और घरों को क्यों लूटा जा रहा है? हमें जवाब चाहिए'', ‘‘स्वतंत्र बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार नहीं चलेगा'' और ‘‘हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें'' जैसे नारे लगाए.
सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर भारत आ जाने के बाद से जारी हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है और अवामी लीग से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई.
उधर, बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने शेख हसीना सरकार के पतन के पांच दिन बाद छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने हसन और अपीलीय डिवीजन के न्यायाधीशों को दोपहर एक बजे तक इस्तीफा देने का समय दिया था. नवगठित अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आपको एक खास खबर बताना जरूरी है. हमारे प्रधान न्यायाधीश ने कुछ मिनट पहले ही इस्तीफा दे दिया है. उनका त्यागपत्र कानून मंत्रालय को प्राप्त हो चुका है.''
उन्होंने कहा, ‘‘हमें केवल प्रधान न्यायाधीश का त्यागपत्र मिला है. अन्य के (इस्तीफे) के बारे में कोई अद्यतन सूचना नहीं है.''भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों में से एक हसनत अब्दुल्ला ने सुबह 11 बजे प्रधान न्यायाधीश और अपीलीय डिवीजन के न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग करते हुए उन्हें इसके लिए दोपहर एक बजे तक का समय दिया था.
इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश हसन ने उच्चतम न्यायालय के दोनों डिविजन के सभी न्यायाधीशों के साथ पूर्ण न्यायालय की बैठक बुलाई थी. हालांकि, प्रदर्शनकारी छात्रों ने पूर्ण न्यायालय की बैठक बुलाने को ‘‘न्यायिक तख्तापलट'' के रूप में देखा और उच्च न्यायालय परिसर की घेराबंदी की घोषणा की.
छात्रों के विरोध के मद्देनजर, प्रधान न्यायाधीश हसन ने बैठक स्थगित कर दी और बाद में कहा कि वह पद से इस्तीफा दे देंगे. सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्रों के एकत्र होने के कारण बांग्लादेशी सेना के जवानों को उच्चतम न्यायालय परिसर में तैनात किया गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं