
- बीबीसी द्वारा प्रमाणित लीक हुई कॉल में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छात्रों पर गोली चलाने का आदेश दिया था.
- 18 जुलाई 2024 को ढाका में हसीना ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने और घातक हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देने का खुला आदेश दिया था.
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विरोध प्रदर्शन में कम से कम 1400 लोग मारे गए, जो आजादी बाद बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा की सबसे घातक घटना थी.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना ने सुरक्षा बलों को पिछले साल के बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर "गोली मारने" का आदेश दिया था. यह दावा बीबीसी ने एक लीक हुई कॉल को प्रमाणित करके किया है. रिपोर्ट के अनुसार रिकॉर्डिंग में, शेख हसीना को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देते हुए यह कहते हुए सुना जा सकता है, "उन्हें जहां भी मिलेगा, वे गोली मार देंगे."
18 जुलाई 2024 को ढाका में उनके आधिकारिक आवास से यह फोन कॉल किया गया था. इसमें हसीना को यह कहते हुए सुना गया है, "मैंने उन सभी को आज रात गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. सभी को सूचित कर दिया गया है, जहां भी आप उन्हें पाएं, उन्हें पकड़ लें. मैंने एक खुला आदेश जारी किया है. अब, वे घातक हथियारों का उपयोग करेंगे. वे जहां भी उन्हें पाएंगे, वे गोली मार देंगे."
बांग्लादेश में यह विरोध प्रदर्शन तेजी से देशव्यापी विद्रोह में बदल गया था जिसने अंततः हसीना को सत्ता से बाहर कर दिया. संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं का कहना है कि कार्रवाई के दौरान कम से कम 1,400 लोग मारे गए, जो 1971 के युद्ध के बाद से देश में राजनीतिक हिंसा की सबसे घातक लहर थी. यह फोन कॉल उस समय किया गया था जब अशांति क्षण था, जब सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों की पुलिस हत्याओं पर सार्वजनिक आक्रोश बढ़ रहा था.
शेख हसीना के खिलाफ सबूत के रूप में होगा इस्तेमाल
बांग्लादेश में सरकारी वकील मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए हसीना की अनुपस्थिति में चल रहे मुकदमे में इस लीक हुए ऑडियो को महत्वपूर्ण सबूत के रूप में उपयोग करने की योजना बना रहे हैं. बातचीत अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत है कि हसीना ने सीधे तौर पर निहत्थे प्रदर्शनकारियों, जिनमें से कई छात्र थे, के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया.
गौरतलब है कि हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप है, जिसमें उकसाना, साजिश रचना और बड़े पैमाने पर हत्याएं करने वाले आदेश जारी करना शामिल है. अपनी सरकार गिरने से ठीक पहले वह भारत भाग गईं. ढाका के अनुरोध के बावजूद, भारत ने उन्हें प्रत्यर्पित नहीं किया है. यानी वापस बांग्लादेश को नहीं सौंपा है. कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह संभावना नहीं है कि वह मुकदमे का सामना करने के लिए वापस बांग्लादेश आएंगी. हसीना के साथ, पूर्व पुलिस और सरकारी अधिकारियों सहित 203 व्यक्तियों को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा दोषी ठहराया गया है, जिनमें से 73 हिरासत में हैं.
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