
- भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा प्रबंधन और सुरक्षा पर द्वि-वार्षिक वार्ता इस महीने के अंत में ढाका में होगी
- यह 56वीं डीजी स्तरीय वार्ता होगी, जिसमें बीएसएफ और बीजीबी सीमा सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे
- वार्ता में अवैध घुसपैठ और सीमा पर सुरक्षा के लिए बॉडी-वॉर्न कैमरे लगाने जैसे उपायों पर विचार किया जाएगा
शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से ही भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तल्खियां आ गई थी, दोनों के बीच लगातार दूरियां बढ़ती जा रही थी. लेकिन अब एक अच्छी खबर ये है कि दोनों देशों के बीच लंबे वक्त से जमी बर्फ पिघलाने की कवायद होती दिख रही है. इसी सिलसिले में भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर होने वाली द्वि-वार्षिक वार्ता इस महीने के अंत में ढाका में होगी. यह पहला मौका होगा जब शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल ढाका का दौरा करेगा. यह 56वीं डायरेक्टर जनरल (डीजी) स्तरीय सीमा वार्ता होगी, जो कि 25 से 28 अगस्त तक बांग्लादेश की सीमा रक्षा बल (बीजीबी) के मुख्यालय पीलखाना में होगी.
वार्ता का पृष्ठभूमि और महत्व
भारत की सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच यह वार्ता दोनों देशों के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी इंटरनेशनल बॉर्डर पर होने वाले विभिन्न मुद्दों को संबोधित करने के लिए काफी खास है. इस सीमा पर 5 भारतीय राज्य शामिल हैं, जिनमें पश्चिम बंगाल (2,217 किमी), त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), असम (262 किमी) और मिजोरम (318 किमी). बीएसएफ को इस सीमा की सुरक्षा और खुफिया जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. एक सूत्र ने बताया, "यह वार्ता पहले जुलाई में होने वाली थी, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे अगस्त तक के लिए टाल दिया गया था." भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी करेंगे.
किन मुद्दों पर होगी बातचीत
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में सीमा पर होने वाले विभिन्न अपराधों, खासकर अवैध घुसपैठ पर विस्तार से चर्चा होगी. बीएसएफ बीजीबी को बताएगा कि उसने अपनी सीमा पर तैनात जवानों को लगभग 5,000 बॉडी-वॉर्न कैमरे दिए हैं और ये कैमरे सीमा पर बीएसएफ कर्मियों पर हमलों और अन्य अवैध गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे, ताकि इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा, फरवरी में दिल्ली में हुई पिछली वार्ता में दोनों पक्षों ने दूसरे-इन-कमांड रैंक के अधिकारियों (अतिरिक्त महानिदेशक) के बीच नया संचार लिंक स्थापित करने और सीमा पर 99 नए स्थानों पर बाड़ लगाने का फैसला किया था. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस सीमा का 864.48 किलोमीटर हिस्सा अभी भी बिना बाड़ के है, जिसमें 174.51 किलोमीटर का हिस्से पर भौगोलिक कारणों से बाड़बंदी नहीं की जा सकती.
अंतरिम सरकार और सीमित संभावनाएं
बीएसएफ अधिकारियों ने साफ किया कि बांग्लादेश में वर्तमान में अंतरिम सरकार होने के कारण इस वार्ता से कोई बड़े नीतिगत कदम की उम्मीद नहीं है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में घोषणा की थी कि देश में फरवरी 2026 में आम चुनाव होंगे. यह घोषणा शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के 5 अगस्त को सत्ता से हटने की पहली वर्षगांठ के मौके पर की गई थी. भारत और बांग्लादेश के बीच डीजी-स्तरीय सीमा वार्ता 1975 से 1992 तक हर साल होती थी, लेकिन 1993 से इसे द्वि-वार्षिक कर दिया गया. इसके तहत दोनों पक्ष बारी-बारी से नई दिल्ली और ढाका में मिलते हैं।. फरवरी में हुई पिछली वार्ता दिल्ली में आयोजित हुई थी, जिसमें बीजीबी का प्रतिनिधिमंडल भारत आया था.
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