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अब्दुल हन्नान और उसके दो सहयोगियों को दी गई फांसी
साल 2004 में एक दरगाह पर धमाके के मामले में दोषी थे तीनों
हमले में 3 पुलिसकर्मी मारे गए थे, 70 अन्य लोग हुए थे घायल
'बीडीन्यूज 24 डॉट कॉम' ने गृह मंत्री असदुज्जमन खान के हवाले से बताया कि हन्नान को उसके सहयोगी शरीफ शाहेदुल उर्फ बिपुल के साथ काशिमपुर जेल में रात 10 बजकर 1 मिनट पर फांसी पर लटकाया गया. मंत्री ने बताया कि उसके सहयोगी देलवार हुसैन रिपोन को सिलहट जेल में फांसी पर लटकाया गया. गाजीपुर पुलिस अधीक्षक हारन उर राशिद ने कहा कि हन्नान और बिपुन के शव का पोस्टमार्टम कर दिया गया है और उनके शवों को कड़ी सुरक्षा के बीच उनके गावों में भेजा जाएगा.
बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने उनकी दया याचिकाएं खारिज कर दी थीं. इससे पहले अधिकारियों ने काशिमपुर जेल में और इसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी थी. हन्नान की पत्नी, उसकी दो बेटियों और बड़े भाई ने सुबह जेल में उससे मुलाकात की. रिपोन के परिवार के सदस्यों ने भी जेल में उससे मुलाकात की. सुप्रीम कोर्ट ने हन्नान और दो अन्य को मृत्युदंड दिए जाने का समर्थन करने के अपने पूर्ववर्ती आदेश की 19 मार्च को पुन: पुष्टि की थी. सिलहट में हजरत शाहजलाल की दरगाह पर हुए ग्रेनेड हमले में बांग्लादेश में जन्मे तत्कालीन ब्रिटिश उच्चायुक्त अनवर चौधरी बाल-बाल बचे थे. इस हमले में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और 70 अन्य घायल हो गए थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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