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Bangladesh News: बांग्लादेश में भारी तनाव, आज सुपुर्द-ए-खाक होंगे उस्मान हादी; जनाजे से पहले छावनी में तब्दील हुई राजधानी

ढाका में इंकलाब मंच के नेता उस्मान हादी के जनाजे को लेकर तनाव है. 16 संगठन गृह सलाहकार के इस्तीफे की मांग कर चुके हैं. जानें हत्या से जुड़ी पूरी रिपोर्ट और राजनीतिक हलचल.

Bangladesh News: बांग्लादेश में भारी तनाव, आज सुपुर्द-ए-खाक होंगे उस्मान हादी; जनाजे से पहले छावनी में तब्दील हुई राजधानी
ढाका में तनाव: शहीद उस्मान हादी के अंतिम संस्कार से पहले राजधानी में हाई अलर्ट
PTI

Bangladesh News: बांग्लादेश की राजधानी ढाका आज एक बार फिर भारी तनाव के साये में है. इंकलाब मंच के दिवंगत संयोजक शरीफ उस्मान बिन हादी के अंतिम संस्कार को लेकर सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. सिंगापुर में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले हादी का पार्थिव शरीर ढाका पहुंचते ही शहर का माहौल गरमा गया है. 

मानिक मिया एवेन्यू बना 'नो-गो जोन'

राष्ट्रीय संसद भवन के ठीक दक्षिण में स्थित माणिक मिया एवेन्यू (Manik Mia Ave) पर आज दोपहर 2:00 बजे (स्थानीय समय) हादी की नमाज-ए-जनाजा (Funeral Prayer) अदा  की जाएगी. इसके चलते पूरे इलाके को सेना और पुलिस के कड़े पहरे में रखा गया है. आम नागरिकों और वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हवाई निगरानी की जा रही है.

हमले से शहादत तक का घटनाक्रम

उस्मान हादी की नृशंस हत्या ने न केवल बांग्लादेश को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि वहां की अंतरिम सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस घटनाक्रम की शुरुआत 12 दिसंबर को हुई, जब ढाका के बिजॉय नगर जैसे व्यस्त इलाके में सरेआम रिक्शा पर जा रहे हादी को बेहद करीब से गोली मार दी गई. हमले की गंभीरता को देखते हुए, उन्हें 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस के जरिए सिंगापुर शिफ्ट किया गया था. हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद वे जिंदगी की जंग हार गए और 18 दिसंबर को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. हादी के निधन की खबर मिलते ही पूरी राजधानी में आक्रोश की लहर दौड़ गई और शुक्रवार से ही ढाका के विभिन्न हिस्सों में न्याय की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है.

गृह सलाहकार के इस्तीफे की बढ़ती मांग

हादी की हत्या केवल एक आपराधिक घटना नहीं रही, बल्कि इसने एक बड़ा राजनीतिक आंदोलन छेड़ दिया है. 16 नागरिक संगठनों (जैसे यूनिवर्सिटी टीचर्स नेटवर्क और गनतांत्रिक अधिकार समिति) ने गृह सलाहकार के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा है, 'जुलाई विद्रोह के एक साल बाद भी अंतरिम सरकार नागरिकों को सुरक्षा देने में विफल रही है. अवामी लीग और अन्य बाहरी ताकतें आज भी देश की शांति को अस्थिर कर रही हैं.'

प्रेस की स्वतंत्रता पर मंडराता खतरा

ढाका में तनाव के बीच 'प्रोथम आलो' और 'द डेली स्टार' जैसे प्रमुख मीडिया संस्थानों के कार्यालयों में हुई तोड़फोड़ और आगजनी ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है. एडिटर्स काउंसिल और 'नोआब' (NOAB) ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर घातक हमला बताया है.

चुनाव से पहले 'साजिश' का एंगल

फरवरी 2026 में होने वाले संसदीय चुनावों से ठीक पहले हुई इस हिंसा को बीएनपी (BNP) ने एक बड़ी साजिश करार दिया है. बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर के अनुसार, 'एक विशेष समूह देश को अराजकता की ओर धकेल रहा है ताकि चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाली जा सके.'

अंतरिम सरकार की परीक्षा का दिन

आज का दिन ढाका और अंतरिम सरकार के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. इंकलाब मंच ने शांति की अपील जरूर की है, लेकिन कार्यकर्ताओं का गुस्सा और राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप शहर के शांत होने के दावों पर सवालिया निशान लगा रहे हैं.

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