बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को सोमवार को एक अदालत ने श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में छह महीने जेल की सजा सुनाई. सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले हुए इस घटनाक्रम को यूनुस के समर्थकों ने ‘‘राजनीति से प्रेरित'' बताया है.
श्रम अदालत की न्यायाधीश शेख मेरिना सुल्ताना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके खिलाफ श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप सिद्ध हो चुका है. न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि यूनुस को एक व्यावसायिक कंपनी के तीन अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण टेलीकॉम के अध्यक्ष के रूप में कानून का उल्लंघन करने के लिए छह महीने की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी.
फैसले के तुरंत बाद, यूनुस और तीन अन्य ने जमानत के लिए आवेदन किया. न्यायाधीश ने 5,000 टका के मुचलके के बदले उन्हें एक महीने की जमानत दे दी. कानून के तहत, यूनुस और तीन अन्य लोग फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं. यह फैसला बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव से कुछ दिन पहले आया है.
फैसले को ‘‘राजनीति से प्रेरित'' बताते हुए उनके समर्थकों ने कहा कि आरोप उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दायर किए गए थे. पिछले महीने, सुनवाई के लिए अदालत में पेश होने के बाद, यूनुस ने ग्रामीण टेलीकॉम या बांग्लादेश में स्थापित 50 से अधिक व्यावसायिक कंपनियों में से किसी से भी फायदा उठाने के दावों को खारिज कर दिया था.
ग्रामीण टेलीकॉम के पास बांग्लादेश की सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनी, ग्रामीणफोन की 34 प्रतिशत हिस्सेदारी है. नोबेल पुरस्कार विजेता को श्रम कानून और धन के दुरुपयोग से संबंधित कई आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है. यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से अपने गरीबी विरोधी अभियान के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के साथ अज्ञात कारणों से उनका विवाद जारी है. वर्ष 2008 में हसीना के सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू की थी. अगस्त 2023 में, ग्रामीण टेलीकॉम के 18 पूर्व कर्मचारियों ने यूनुस के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर उनकी नौकरी के फायदों को को हड़पने का आरोप लगाया गया था. श्रम कानूनों के उल्लंघन के आरोप में यूनुस पर अगस्त 2022 में मुकदमा चलाया गया था.
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