नई दिल्ली:
ख़राब मौसम की वजह से सोलर इंपल्स-2 को जापान के नागोया में उतारा जाएगा। भारत के समय के अनुसार, यह शाम साढ़े छह बजे उतरेगा। प्रशांत महासागर में मौसम खराब है, वहीं अमेरिका के हवाई के पास भी मौसम खराब है। पायलट आंद्रे बॉसबर्ग ने ट्वीट कर निराशा जताई है, वहीं जापान के अथॉरिटी का सोलर इंपल्स उतरने देने पर शुक्रिया अदा किया है। मौसम सही होने के बाद फिर सोलर इंपल्स उड़ान भरेगा। इस विमान को पहले छह दिन छह रात लगातार उड़ान भरना था, लेकिन अब मौसम सही होने पर सोलर इंपल्स जापान से उड़ान भरेगा।
गौरतलब है कि पायलट आंद्रे बॉसबर्ग ने इसके लिए ख़ास ट्रेनिंग भी ली है। विमान के डैनों में 17 हज़ार सौर बैट्रियां लगी हैं। इसके कॉकपिट की चौड़ाई साढ़े 4 फीट है, जो 5 फीट ऊंचा और 6 फीट लंबा है।
सोलर इंपल्स-2 के सफर पर नजर
-9 मार्च को अबू धाबी से चला था
-उसके बाद म्यांमार होता हुआ चीन पहुंचा
-आपको बता दें कि 8175 किमी का सफ़र तय करेगा सोलर इंपल्स 2
-चीन के नैनजिंग से उड़ा सोलर इंपल्स
-जापान के नगोया में ख़राब मौसम की वजह से उतरेगा
-आखिर में अमेरिका के हवाई पर उतरेगा
-इसके लिए उसे प्रशांत महासागर से होकर गुज़रना पड़ेगा
-क़रीब 144 घंटों का वक़्त लगेगा इस पूरी उड़ान को
-जिसके लिए 5 दिन 5 रात लगातार उड़ान भरनी है
-ये विमान अहमदाबाद और वाराणसी में भी लैंड कर चुका है
गौरतलब है कि पायलट आंद्रे बॉसबर्ग ने इसके लिए ख़ास ट्रेनिंग भी ली है। विमान के डैनों में 17 हज़ार सौर बैट्रियां लगी हैं। इसके कॉकपिट की चौड़ाई साढ़े 4 फीट है, जो 5 फीट ऊंचा और 6 फीट लंबा है।
सोलर इंपल्स-2 के सफर पर नजर
-9 मार्च को अबू धाबी से चला था
-उसके बाद म्यांमार होता हुआ चीन पहुंचा
-आपको बता दें कि 8175 किमी का सफ़र तय करेगा सोलर इंपल्स 2
-चीन के नैनजिंग से उड़ा सोलर इंपल्स
-जापान के नगोया में ख़राब मौसम की वजह से उतरेगा
-आखिर में अमेरिका के हवाई पर उतरेगा
-इसके लिए उसे प्रशांत महासागर से होकर गुज़रना पड़ेगा
-क़रीब 144 घंटों का वक़्त लगेगा इस पूरी उड़ान को
-जिसके लिए 5 दिन 5 रात लगातार उड़ान भरनी है
-ये विमान अहमदाबाद और वाराणसी में भी लैंड कर चुका है
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