न्यूयार्क:
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने अमेरिका के एक हवाई अड्डे पर खुद को थोड़े समय के लिए रोके रखने के मामले में आरोप लगाया है कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने उन्हें भारत के बाहर ‘बदनाम करने’ की साजिश रची।
खान ने यह भी दावा किया कि भारत लौटने पर उनके और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पक्ष सुनने के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव केंद्र की संप्रग सरकार को समर्थन जारी रखने को लेकर विचार करेंगे।
उन्होंने भारत रवाना होने से पहले कहा, ‘‘हमारे नेता जानते हैं कि क्या हुआ और इसके पीछे कौन है। वह संप्रग सरकार को समर्थन जारी रखने पर जल्द विचार करेंगे।’’ चेन्नई में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के साथ अखिलेश की मुलाकात के संदर्भ में खान ने कहा कि अन्नाद्रमुक और पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के साथ तीसरा मोर्चा गठित करने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि ऐसा मोर्चा बनने पर मुलायम सिंह इसका नेतृत्व करेंगे और वह देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे।
आजम खान ने इस बात पर जोर दिया कि हवाई अड्डे पर रोके जाने के मामले में उनकी स्थिति की तुलना कलाम, शाहरुख, संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत हरदीप सिंह पुरी और वाशिंगटन में पूर्व राजदूत मीरा शंकर की स्थितियों से नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक साजिश का नतीजा था क्योंकि मैं भारत का एक गैर-कांग्रेसी ताकतवर मुस्लिम नेता हूं और उन्होंने (खुर्शीद) भारतीय कैबिनेट मंत्री के अपने रुतबे का इस्तेमाल करके बड़ी चालाकी से आंतरिक सुरक्षा विभाग की मदद से योजना बनाई।’’
आजम खान ने कहा, ‘‘बोस्टन लोगान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मुझे रोके जाने की तुलना पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और अभिनेता शाहरुख खान के मामलों से नहीं की जा सकती क्योंकि मुझे खुर्शीद और उनकी मंडली ने निशाना बनाया है जिनके पास मुझे भारतीय सरजमीं पर चुनौती देने की हिम्मत नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब हवाई अड्डे के अंदर मुझे रोका गया, तो भारतीय महावाणिज्य दूत के प्रोटोकॉल अधिकारी वहां बिल्कुल मूकदर्शक बने हुए थे। वे हमें वहां लेने आए थे। मुझे लगता है कि उन्हें उनके वरिष्ठ लोगों ने दूर बने रहने की हिदायत दे रखी थी।’’
खान ने कहा, ‘‘45 मिनटों तक मुझे राके रखने के दौरान प्रोटोकॉल अधिकारी न्यूयार्क स्थित महावाणिज्य दूत और राजदूत निरुपमा राव से संपर्क कर सकते थे। परंतु किसी ने मुझे परेशानी से बाहर निकालने के लिए एक शब्द भी नहीं बोला। मुझे खुद ही इस समस्या से लड़ना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सलमान खुर्शीद के विदेशमंत्री रहते आप कैसे यह उम्मीद कर सकते हैं कि भारत सरकार इस मामले पर विरोध दर्ज कराएगी? अगर आप नहीं जानते हैं कि खुर्शीद क्या हैं तो मुझे माफ करिए। उन्होंने मुझे अपने राज्य में बदनाम करने का प्रयास किया और बुरी तरह नाकाम रहे। वह भारत के विदेशमंत्री होने के लायक नहीं हैं।’’
आजम खान ने कहा, ‘‘मुझे 45 मिनटों तक एक बेंच पर बैठाये रखा गया। मैंने सवाल किया कि 12 लोगों के प्रतिनिधिमंडल में से सिर्फ मेरे साथ ऐसा क्यों किया गया, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला। मैंने उनसे पूछा कि मैं मुसलमान हूं इसलिए आप मुझ पर संदेह कर रहे हैं। मुझे एक कमरे में ले जाया गया, जबकि दूसरे लोगों को जाने दिया गया जिससे मैंने बहुत अपमानित महसूस किया। मुझसे इस मामले पर माफी भी नहीं मांगी गई।’’
खान ने कहा कि उनके पास मौजूद राजनयिक पासपोर्ट भी काम नहीं आया और आव्रजन अधिकारियों ने इसका सम्मान नहीं किया।
उन्होंने कहा कि उनके बाहर आने तक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हवाई अड्डे पर उनका इंतजार किया।
खान ने कहा कि एक महिला अधिकारी उनके पास आई और कहा कि जो कुछ हुआ उसे भूल जाइए और अपना बैग पैक करके यहां से जाइए, लेकिन उसने कोई माफी नहीं मांगी अथवा अफसोस भी जाहिर नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘वहां रोके जाने के दौरान मुझसे कोई सवाल नहीं किया गया और मेरा मानना है कि वे साजिश रच रहे थे और लेकिन वे इसे अंजाम नहीं दे सके। अगर वे मेरी जेब में व्हाइट हाउस का नक्शा डाल देते और फिर इसे बाहर निकाल लेते तो मेरे पास अपना बचाव करने के लिए कुछ नहीं होता। वे मुझसे सवाल करते कि मेरे पास व्हाइट हाउस का नक्शा कैसे आया तो मेरे पास कोई जवाब नहीं होता। मुझे पूरी जिंदगी के लिए जेल भेज दिया जाता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पूरी तरह से मेरे साथ हैं और मेरे साथ हुए इस तरह के व्यवहार से परेशान हैं। हारवर्ड विश्वविद्यालय के कार्यक्रम और वाणिज्य दूतावास के स्वागत समारोह का बहिष्कार करने का फैसला सही था।’’
खान ने यह भी दावा किया कि भारत लौटने पर उनके और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पक्ष सुनने के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव केंद्र की संप्रग सरकार को समर्थन जारी रखने को लेकर विचार करेंगे।
उन्होंने भारत रवाना होने से पहले कहा, ‘‘हमारे नेता जानते हैं कि क्या हुआ और इसके पीछे कौन है। वह संप्रग सरकार को समर्थन जारी रखने पर जल्द विचार करेंगे।’’ चेन्नई में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के साथ अखिलेश की मुलाकात के संदर्भ में खान ने कहा कि अन्नाद्रमुक और पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के साथ तीसरा मोर्चा गठित करने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि ऐसा मोर्चा बनने पर मुलायम सिंह इसका नेतृत्व करेंगे और वह देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे।
आजम खान ने इस बात पर जोर दिया कि हवाई अड्डे पर रोके जाने के मामले में उनकी स्थिति की तुलना कलाम, शाहरुख, संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत हरदीप सिंह पुरी और वाशिंगटन में पूर्व राजदूत मीरा शंकर की स्थितियों से नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक साजिश का नतीजा था क्योंकि मैं भारत का एक गैर-कांग्रेसी ताकतवर मुस्लिम नेता हूं और उन्होंने (खुर्शीद) भारतीय कैबिनेट मंत्री के अपने रुतबे का इस्तेमाल करके बड़ी चालाकी से आंतरिक सुरक्षा विभाग की मदद से योजना बनाई।’’
आजम खान ने कहा, ‘‘बोस्टन लोगान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मुझे रोके जाने की तुलना पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और अभिनेता शाहरुख खान के मामलों से नहीं की जा सकती क्योंकि मुझे खुर्शीद और उनकी मंडली ने निशाना बनाया है जिनके पास मुझे भारतीय सरजमीं पर चुनौती देने की हिम्मत नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब हवाई अड्डे के अंदर मुझे रोका गया, तो भारतीय महावाणिज्य दूत के प्रोटोकॉल अधिकारी वहां बिल्कुल मूकदर्शक बने हुए थे। वे हमें वहां लेने आए थे। मुझे लगता है कि उन्हें उनके वरिष्ठ लोगों ने दूर बने रहने की हिदायत दे रखी थी।’’
खान ने कहा, ‘‘45 मिनटों तक मुझे राके रखने के दौरान प्रोटोकॉल अधिकारी न्यूयार्क स्थित महावाणिज्य दूत और राजदूत निरुपमा राव से संपर्क कर सकते थे। परंतु किसी ने मुझे परेशानी से बाहर निकालने के लिए एक शब्द भी नहीं बोला। मुझे खुद ही इस समस्या से लड़ना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सलमान खुर्शीद के विदेशमंत्री रहते आप कैसे यह उम्मीद कर सकते हैं कि भारत सरकार इस मामले पर विरोध दर्ज कराएगी? अगर आप नहीं जानते हैं कि खुर्शीद क्या हैं तो मुझे माफ करिए। उन्होंने मुझे अपने राज्य में बदनाम करने का प्रयास किया और बुरी तरह नाकाम रहे। वह भारत के विदेशमंत्री होने के लायक नहीं हैं।’’
आजम खान ने कहा, ‘‘मुझे 45 मिनटों तक एक बेंच पर बैठाये रखा गया। मैंने सवाल किया कि 12 लोगों के प्रतिनिधिमंडल में से सिर्फ मेरे साथ ऐसा क्यों किया गया, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला। मैंने उनसे पूछा कि मैं मुसलमान हूं इसलिए आप मुझ पर संदेह कर रहे हैं। मुझे एक कमरे में ले जाया गया, जबकि दूसरे लोगों को जाने दिया गया जिससे मैंने बहुत अपमानित महसूस किया। मुझसे इस मामले पर माफी भी नहीं मांगी गई।’’
खान ने कहा कि उनके पास मौजूद राजनयिक पासपोर्ट भी काम नहीं आया और आव्रजन अधिकारियों ने इसका सम्मान नहीं किया।
उन्होंने कहा कि उनके बाहर आने तक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हवाई अड्डे पर उनका इंतजार किया।
खान ने कहा कि एक महिला अधिकारी उनके पास आई और कहा कि जो कुछ हुआ उसे भूल जाइए और अपना बैग पैक करके यहां से जाइए, लेकिन उसने कोई माफी नहीं मांगी अथवा अफसोस भी जाहिर नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘वहां रोके जाने के दौरान मुझसे कोई सवाल नहीं किया गया और मेरा मानना है कि वे साजिश रच रहे थे और लेकिन वे इसे अंजाम नहीं दे सके। अगर वे मेरी जेब में व्हाइट हाउस का नक्शा डाल देते और फिर इसे बाहर निकाल लेते तो मेरे पास अपना बचाव करने के लिए कुछ नहीं होता। वे मुझसे सवाल करते कि मेरे पास व्हाइट हाउस का नक्शा कैसे आया तो मेरे पास कोई जवाब नहीं होता। मुझे पूरी जिंदगी के लिए जेल भेज दिया जाता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पूरी तरह से मेरे साथ हैं और मेरे साथ हुए इस तरह के व्यवहार से परेशान हैं। हारवर्ड विश्वविद्यालय के कार्यक्रम और वाणिज्य दूतावास के स्वागत समारोह का बहिष्कार करने का फैसला सही था।’’
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आजम खान, हार्वर्ड विश्वविद्यालय, बोस्टन एयरपोर्ट, अमेरिका, सलमान खुर्शीद, Salman Khurshid, Azam Khan, Boston Airport, Harvard University