सीरीज़ पहले ही ऑस्ट्रेलिया के नाम हो चुकी है, ऐसे में दोनों टीमों के पास खोने को कुछ भा नहीं है। यह मैदान और इसकी पिच तेज गेंदबाज़ों को नहीं, बल्कि बल्लेबाज़ों और स्पिनर्स को ज़्यादा मदद करती है। साल 2003-04 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर अनिल कुंबले ने इसी मैदान पर धमाल मचाया था। कुंबले ने सिडनी टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के 8 विकेट लेकर भारत को बड़ी बढ़त दिलाई थी। कुंबले ने पूरे मैच में 12 विकेट लिए थे। इस मैदान पर सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड भी दो स्पिनर्स के ही नाम है। शेन वॉर्न ने यहां 14 मैचों में 64 विकेट झटके थे, जबकि स्टुअर्ट मैकगिल के नाम 8 टेस्ट में 53 विकेट रहे यानी टीम इंडिया के लिए इशारा साफ़ है।
शास्त्री एंड कंपनी को भी इस बात का एहसास है, इसलिए सिडनी में टीम दो स्पिनर्स के साथ मैदान पर उतर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, अक्षर पटेल को आर अश्विन के साथ मैदान पर उतारने की तैयारी भारतीय टीम कर रही है। हालांकि, ये गेंदबाज़ पिच से कितना फायदा उठा पाएंगे ये देखने लायक बात होगी। स्पिनर्स के अलावा भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए भी अच्छी खबर है। एक पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने का नाम इस मैदान पर भारत के ही नाम है।
साल 2003-04 के ही दौरे पर भारत ने पहली पारी में यहां 705 रन जोड़े थे, सचिन और लक्ष्मण के बीच चौथे विकेट के लिए 353 रनों की साझेदारी हुई थी। इस बार भी टीम इंडिया के तीन बल्लेबाज़ जबरदस्त फॉर्म में हैं। ऐसे में विराट, रहाणे और विजय के कंधों पर ही रनों का अंबार खड़ा करने की जिम्मेदारी होगी। सिडनी में टीम इंडिया अगर ऑस्ट्रेलिया को जल्दी समेट कर मैच जीत सकी, तो ये युवा खिलाड़ी अपनी साख ज़रूर बचा लेंगे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं