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This Article is From Jan 14, 2020

दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में 5 हजार ऊंटों को मारनी पड़ी गोली, ये थी वजह

इससे पहले दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में पानी की कमी के कारण वहां के 10,000 जंगली ऊंटों (Feral Camels) को मारने का आदेश जारी किया गया था.

दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में 5 हजार ऊंटों को मारनी पड़ी गोली, ये थी वजह
ऑस्ट्रेलिया में पांच हजार ऊंटों को मार गिराया गया है.
कैनबरा:

ऑस्ट्रेलिया (Australia) में बुशफायर (Bush Fires) ने जिंदगी और संपत्ति को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. लेकिन इस बुशफायर से भी खतरनाक कुछ ऐसा है जिसके बारे में जान आप भी सोचने लगेंगे कि पर्यावरण को लेकर हम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया में 5,000 ऊंटों को मौत के घाट उतार दिया गया है. हेलीकॉप्टर से प्रोफेशनल शूटर ने इन जंगली ऊंटों को मार गिराया. दरअसल दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया सूखे की समस्या से गुजर रहा है. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के अबॉर्जिनल नेताओं ने कहा कि सूखे के चलते बड़ी संख्या में ऊंट गांवों की तरफ जा रहे हैं जिससे गांवों में मौजूद सीमित भोजन और जल संसाधनों पर खतरा मंडरा रहा था. जिसके चलते यह कदम उठाया गया है.  

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इससे पहले दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में पानी की कमी के कारण वहां के 10,000 जंगली ऊंटों (Feral Camels) को मारने का आदेश जारी किया गया था. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के अनंगु पीतजंतजतारा यनकुनितज्जतजरा लैंड्स (Anangu Pitjantjatjara Yankunytjatjara lands) यानी कि APY के अबॉर्जिनल नेता ने यह आदेश जारी किया था. 

बता दें कि दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के लोग लगातार शिकायत कर रहे थे कि ये जानवर पानी की तलाश में उनके घरों में घुस जाया करते हैं. इसके बाद ही आदिवासी नेताओं ने 10,000 ऊंटों को मारने का फैसला किया. इसके साथ ही नेताओं को चिंता है कि ये जानवर ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा रहे हैं क्योंकि वो एक साल में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर मीथेन का उत्सर्जन करते हैं. 

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राष्ट्रीय कीट ऊंट प्रबंधन योजना का दावा है कि जंगली ऊंट की आबादी हर नौ साल में दोगुनी हो जाती है. वहीं ऊंट अधिक पानी पीते हैं और इस वजह से इन जंगली ऊंटों को मारने का फैसला किया गया है. कार्बन खेती के विशेषज्ञों रेगेनोको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम मूर ने कहा कि ये जानवर प्रति वर्ष CO2 के एक टन के प्रभाव से मीथेन का उत्सर्जन कर रहे हैं और यह सड़कों पर अतिरिक्त 4,00,000 कारों के बराबर है.

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