वाशिंगटन:
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि द्विपक्षीय संबंधों में बाधाओं के बावजूद दक्षिण, पूर्व और मध्य एशिया में भारत के भविष्य को महत्वपूर्ण धुरी के रूप में देखकर अमेरिका एक रणनीतिक दांव लगा रहा है। प्रतिष्ठित विदेश नीति संबंधी पत्रिका के ताजा अंक के लिए लिखे लेख में क्लिंटन ने इस बात को रेखांकित किया है कि उनके बॉस राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले वर्ष भारतीय संसद को बताया था कि भारत-अमेरिका संबंध 21वीं सदी में निर्णायक भगीदारी वाले होंगे जिनकी जड़ें समान मूल्यों और हितों में हैं। हालांकि उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि अभी कुछ बाधाएं हैं जिन पर पार पाना है और दोनों पक्षों के कुछ सवाल हैं जिनका जवाब दिया जाना है । लेकिन अमेरिका भारत के भविष्य पर एक रणनीतिक दांव लगा रहा है और वह है विश्व में भारत की वृह्तर भूमिका जो शांति और सुरक्षा को बढ़ाएगी। उन्हें इस बात का भी विश्वास था कि भारत के बाजारों को विश्व के लिए खोलने से क्षेत्रीय और वैश्विक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा और विज्ञान तथा तकनीक में भारत की बढ़त से हर जगह जीवन स्तर में सुधार होगा और मानवीय ज्ञान बढ़ेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी ने कहा कि इससे भी आगे भारत का गतिशील और बहुलवादी लोकतंत्र अपने नागरिकों के सुधार तथा ठोस परिणाम देगा तथा अन्य को इसी प्रकार का मुक्त एवं सहिष्णु मार्ग अपनाने को प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा, इस प्रकार, ओबामा प्रशासन ने हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को विस्तार दिया है और उन्होंने सक्रियता से भारत के पूर्वोन्मुख प्रयासों को समर्थन दिया है जिनमें भारत और जापान के बीच त्रिपक्षीय वार्ता तथा भारत को एक महत्वपूर्ण धुरी के रूप में रखते हुए दक्षिण और मध्य एशिया में अधिक आर्थिक रूप से एकीकृत और राजनीतिक रूप से स्थिर नये दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार करना है। हिलेरी ने यह भी लिखा है कि जिन उभरती महत्वपूर्ण शक्तियों के साथ अमेरिका बेहद घनिष्ठता के साथ मिलकर काम करना चाहेगा, वे भारत और इंडोनेशिया हैं जो एशिया की सर्वाधिक गतिशील और महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक ताकतें हैं।