लंदन:
बॉक्सिंग डे के दिन ब्रिटेन के साल्फोर्ड में बिना उकसावे के एक भारतीय छात्र अनुज बिदवे की हत्या करने के आरोपी 21 वर्षीय कथित 'मनोरोगी' किआरन स्टापल्टन ने मानव वध की बात स्वीकार की, लेकिन हत्या के आरोप को नहीं माना।
मैनचेस्टर क्राउन अदालत में हुई सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए बिदवे के परिवार के सदस्य भारत से आए थे। इससे पहले स्टापलटन ने जनवरी में सुनवाई के दौरान खुद को 'साइकोट यानी मनोरोगी बताया था। उसने सुनवाई के दौरान याचिका में कहा कि वह अनुज बिदवे के मानव वध का दोषी है, लेकिन हत्या का दोषी नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि क्राउन ने याचिका को स्वीकार नहीं किया था, इसलिए 25 जून, 2012 से हत्या का मुकदमा शुरू होगा। 23 साल का बिदवे लंकास्टर विश्वविद्यालय में माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक का छात्र था और वह अपने दोस्तों के साथ साल्फोर्ड में जा रहा था, तभी उसे नजदीक से सिर में गोली मार दी गई।
बिदवे परिवार ने एक बयान जारी कर कहा, हम भारत से यहां ब्रिटेन आए हैं, क्योंकि स्टापलटन की याचिका को निजी रूप से सुनना उनके लिये बहुत महत्वपूर्ण है। बिदवे के परिवार वालों ने कहा, पिछले साल बॉक्सिंग डे के दिन अनुज की हत्या के बाद से हम पहली बार ब्रिटेन आए हैं और हमने हत्या के आरोपी को पहली देखा। इसलिए यह हमारे लिए स्पष्ट रूप से बहुत भावनात्मक और कठिन समय है।
उन्होंने कहा, हमने सुना कि स्टपलटन ने अनुज के हत्या की बात स्वीकार की। हम जानते हैं कि बड़ी संख्या में भारत और ब्रिटेन की मीडिया इस मामले पर नजरे गड़ाए हुए हैं, क्योंकि इस महीने के अंतिम दिनों में सुनवाई शुरू होगी, इसलिए हम इस समय कुछ भी नहीं कह सकते हैं। हम मीडिया से अनुरोध करेंगे कि वे हमारी निजता और अदालत की प्रक्रिया के प्रति हमारी सत्यनिष्ठा का सम्मान करें।
स्वीकारोक्ति याचिका पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ लेबर सांसद कीथ वाज ने कहा, मैं इस भयानक अपराध के लिए स्टपलटन की इस स्वीकारोक्ति का स्वागत करता हूं। बिदवे परिवार के दर्द को किसी भी तरह से कम नहीं किया जा सकता, लेकिन अनुज के हत्यारे को न्याय के कटघरे में लाये जाने से यह दुखद मामला बंद हो जाएगा।
मैनचेस्टर क्राउन अदालत में हुई सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए बिदवे के परिवार के सदस्य भारत से आए थे। इससे पहले स्टापलटन ने जनवरी में सुनवाई के दौरान खुद को 'साइकोट यानी मनोरोगी बताया था। उसने सुनवाई के दौरान याचिका में कहा कि वह अनुज बिदवे के मानव वध का दोषी है, लेकिन हत्या का दोषी नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि क्राउन ने याचिका को स्वीकार नहीं किया था, इसलिए 25 जून, 2012 से हत्या का मुकदमा शुरू होगा। 23 साल का बिदवे लंकास्टर विश्वविद्यालय में माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक का छात्र था और वह अपने दोस्तों के साथ साल्फोर्ड में जा रहा था, तभी उसे नजदीक से सिर में गोली मार दी गई।
बिदवे परिवार ने एक बयान जारी कर कहा, हम भारत से यहां ब्रिटेन आए हैं, क्योंकि स्टापलटन की याचिका को निजी रूप से सुनना उनके लिये बहुत महत्वपूर्ण है। बिदवे के परिवार वालों ने कहा, पिछले साल बॉक्सिंग डे के दिन अनुज की हत्या के बाद से हम पहली बार ब्रिटेन आए हैं और हमने हत्या के आरोपी को पहली देखा। इसलिए यह हमारे लिए स्पष्ट रूप से बहुत भावनात्मक और कठिन समय है।
उन्होंने कहा, हमने सुना कि स्टपलटन ने अनुज के हत्या की बात स्वीकार की। हम जानते हैं कि बड़ी संख्या में भारत और ब्रिटेन की मीडिया इस मामले पर नजरे गड़ाए हुए हैं, क्योंकि इस महीने के अंतिम दिनों में सुनवाई शुरू होगी, इसलिए हम इस समय कुछ भी नहीं कह सकते हैं। हम मीडिया से अनुरोध करेंगे कि वे हमारी निजता और अदालत की प्रक्रिया के प्रति हमारी सत्यनिष्ठा का सम्मान करें।
स्वीकारोक्ति याचिका पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ लेबर सांसद कीथ वाज ने कहा, मैं इस भयानक अपराध के लिए स्टपलटन की इस स्वीकारोक्ति का स्वागत करता हूं। बिदवे परिवार के दर्द को किसी भी तरह से कम नहीं किया जा सकता, लेकिन अनुज के हत्यारे को न्याय के कटघरे में लाये जाने से यह दुखद मामला बंद हो जाएगा।
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