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पुणे के रहने वाले इस छात्र की 26 दिसंबर 2011 को हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को लेकर भारत और ब्रिटेन में काफी हंगामा हुआ।
पिछले वर्ष 26 दिसम्बर को स्टेपलेटन (21) ने बिदवे की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अदालत में सुनवाई के दौरान इस ब्रिटिश युवक ने खुद को ‘साइको’ करार दिया था। गोली मारकर बिदवे की हत्या के बाद मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं होने के बारे में सबूत पेश करते हुए स्टाप्लेटन ने मारने के आरोप को स्वीकार किया लेकिन हत्या करने के नहीं।
अदालत ने स्टाप्लेटन की याचिका को स्वीकार नहीं किया और उसके खिलाफ सुनवाई हुई जिसमें अदालत ने उसका साक्षात्कार करने और उसका विश्लेषण करने वाले मनोवैज्ञानिक के सबूतों को सुना। स्टाप्लेटन के खिलाफ चली सुनवाई में बिदवे के माता-पिता ने भी भाग लिया। दोनों पुणे से यहां आए हैं। इस मामले में स्टाप्लेटन को दोषी करार देने वाली ज्यूरी आज अवकाश ग्रहण कर रही है।
भारतीय छात्र बिदवे यहां लैंसेस्टर विश्वविद्यालय में माइक्रो-इलेक्ट्रानिक्स का छात्र था। उसकी हत्या पिछले साल 26 दिसंबर को सैलफोर्ड के ओर्डसाल लेन में की गई थी। यह मामला ब्रिटेन और भारत में काफी सुखिर्यों में रहा था। इस घटना के बाद ब्रिटेन में विदेशी छात्रों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे, हालांकि ब्रिटेन के शीर्ष अधिकारियों ने भरोसा दिलाया था कि यह देश सभी के लिए सुरक्षित है।
मामले में ब्रिटिश युवक को दोषी करार दिए जाने के बाद यहां लेबर पार्टी के वरिष्ठ सांसद कीथ वैज ने कहा, ‘‘मामले में इंसाफ हुआ है। दुख की घड़ी में बिदवे परिवार ने बड़े स्वाभिमान का परिचय दिया। मैं उम्मीद करता हूं कि वे अपनी जिदंगी को फिर से संवारेंगे।’’
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