पेगासस जासूसी मामले पर अमेरिका ने चिंता जताई है. दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री डीन थॉम्पसन ने पेगासस जासूसी कांड पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि जाहिर है, हम सिविल सोसायटी, शासन के आलोचकों, पत्रकारों या विरोधी मानसिकता वालों के खिलाफ ऐसी तकनीक के इस्तेमाल की धारणा रखते हैं. भारत की बात करें तो, मेरे पास ज्यादा जानकारी नहीं है. यह एक व्यापक मुद्दा है, लेकिन मैं कहूंगा कि कंपनियों को उनके टूल का इस तरह से इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए. इन मुद्दों पर हमारा हमेशा ध्यान रहेगा.
भारत-पाकिस्तान को लेकर थॉम्पसन ने कहा कि दोनों देशों को उनके बीचे के मुद्दों को आपस में हल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि दोनों देश के बीच इस साल शुरू हुआ युद्धविराम बरकरार है. हम निश्चित तौर पर दोनों देशों को स्थिर संबंध बनाने के तरीके खोजने के प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करते रहेंगे.
अफगानिस्तान पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इस क्षेत्र के सभी देशों को आगे बढ़ने के लिए एक स्थिर और सुरक्षित अफगानिस्तान में साझा हित रखना होगा. हम निश्चित रूप से अपने भारतीय भागीदारों के साथ इस बारे में बात करने पर विचार कर रहे हैं कि हम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक साथ कैसे काम कर सकते हैं. लंबे समय से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत के जरिए समझौता करना जारी रखेंगे.
मानवाधिकार पर पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से भारत अमेरिका का महत्वपूर्ण भागीदार बना रहेगा. हम अपनी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को जारी रखने जा रहे हैं. मुझे लगता है कि राष्ट्रपति द्वारा क्वाड बनाने और भारत के साथ हमारी साझेदारी को इस प्रशासन की शुरुआत में उच्च प्राथमिकता दी जाती है. मानवाधिकारों और लोकतंत्र को मुद्दों को हम. हमें विश्वास है कि उन मोर्चों पर हमारे मूल्य समान हैं. हमें विश्वास है कि भारत इस मुद्दे पर बातचीत जारी रखने और साझेदारी में इन मोर्चों पर मजबूत प्रयास करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने जा रहा है.
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