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This Article is From Dec 27, 2023

हूती विद्रोहियों के हमलों का करारा जवाब दे रहा अमेरिका, लाल सागर के ऊपर ड्रोन-मिसाइलों को मार गिराया

यमन के हूती विद्रोही (Houthi Rebels Missiles Fired Over Red Sea) लगातार लाल सागर से होकर गुजरने वाले जहाजों को निशाना बना रहे हैं, जो कि दुनिया के लिए बहुत ही चिंता की बात है. उनके इस कदम से दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है, क्योंकि लाल सागर के रास्ते तेल, अनाज समेत बड़े पैमाने पर उपभोक्ता सामानों की आवाजाही होती है.

हूती विद्रोहियों के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे रहा अमेरिका

नई दिल्ली:

यमन के हूती विद्रोही लगातार लाल सागर से होकर गुजरने वाले जहाजों पर हमले कर रहे हैं, गाजा पर इजरायल के हमले के खिलाफ हूती विद्रोही हमास के समर्थन में हैं, इनको ईरान का समर्थन हासिल है. ईरान भी हमास का बड़े पैमाने पर साथ देता रहा है, इसलिए इन हमलों के लिए अमेरिका सीधे तौर पर ईरान को जिम्मेदार ठहरा रहा है. अब अमेरिका भी हूती विद्रोहियों के हमलों का मुंहतोड़ (US Action against Houthi Rebels) जवाब दे रहा है. पेंटागन ने मंगलवार को बताया कि अमेरिकी सैन्य बलों ने लाल सागर में नौवहन पर यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागे गए एक दर्जन से अधिक हमलावर ड्रोन और कई मिसाइलों को मार गिराया. 

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US की कार्रवाई में जहाजों को कोई नुकसान नहीं-पेंटागन

पेंटागन के सेंट्रल कमांड ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "क्षेत्र में जहाजों को कोई नुकसान नहीं हुआ. किसी के घायल होने की भी सूचना नहीं है." उन्होंने 10 घंटों में 12 ड्रोन, तीन एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलों और दो जमीनी-हमला मिसाइलों के हमले का जिक्र किया है. दरअसल अमेरिका अब हूती विद्रोहियों के हमलों का जवाब दे रहा है. वह उनके द्वारा  दागे जा रहे ड्रोन और मिसाइलों को मार गिरा रहा है. 

लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हूती विद्रोही

बता दें कि यमन के हूती विद्रोही लगातार लाल सागर से होकर गुजरने वाले जहाजों को निशाना बना रहे हैं, जो कि दुनिया के लिए बहुत ही चिंता की बात है. उनके इस कदम से दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है, क्योंकि लाल सागर के रास्ते तेल, अनाज समेत बड़े पैमाने पर उपभोक्ता सामानों की आवाजाही होती है. दुनिया के कुल व्यापारिक आवागमन का करीब 10 फीसदी लाल सागर के जरिए ही होता है. हूती विद्रोहियों द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों के बीच दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मर्स्क दक्षिणी लाल सागर से गुजरने वाले अपने जहाजों को अगले आदेश तक रुकने को कहा है. वहीं जर्मन शिपिंग कंपनी हापाग लॉयड के एक जहाज पर भी हमला किया जा चुका है, जिसके बाद इस कंपनी ने भी लाल सागर से गुजरने वाले अपने जहाजों को सोमवार तक अपनी यात्रा रोक देने को कहा है.

दूसरा रास्ता लिया तो पड़ेगा लंबा और महंगा

हूती विद्रोहियों के हमलों की वजह से शिपिंग और तेल कंपनियों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. शिपिंग कंपनियों के साथ साथ बीपी जैसी तेल कंपनियों ने भी लाल सागर के रास्ते अपने तेल टैंकरों को भेजना फिलहाल रोक दिया है. माल ढुलाई वाले जहाजों और तेल टैंकरों को रोके जाने या फिर उन्हें दूसरे रास्ते से भेजने का मतलब ढुलाई में ज्य़ादा खर्च और आपूर्ति में देरी का होना है. लाल सागर को छोड़कर अन्य वैकल्पिक मार्ग लेने के लिए जहाजों को अफ्रीका घूमकर केप टाउन होकर आना होगा. इससे माल ढुलाई में लगने वाला समय तो 15 दिन बढ़ेगा ही साथ ही इससे तेल ढुलाई की कीमतें भी बढ़ जाएंगी. गोल्डमैन का आकलन है कि प्रति बैरल कच्चा तेल ढोने पर एक डॉलर और रिफाइंड प्रोडक्ट ढोने पर चार डॉलर एक्स्ट्रा लगेंगे.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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