
ईरान पर हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनका मकसद 'परमाणु खतरे' को रोकना था. ट्रंप ने व्हाइट हाउस से अपने संबोधन में कहा, 'हमारा मकसद ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को नष्ट करना और दुनिया में आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले नंबर एक देश द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकना था.' हालांकि अब इस हमले के बाद ईरान भी शांत नहीं बैठेगा और इस बात की पूरी आशंका है कि वह भी अमेरिकी सेना को निशाना बनाएगा.
ईरान को दी ट्रंप ने चेतावनी
ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि अगर ईरान ने किसी भी तरह का शक्ति प्रदर्शन किया तो फिर उसे करारा जवाब दिया जाएगा. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'ईरान की तरफ से अमेरिका के खिलाफ किसी भी जवाबी कार्रवाई का जवाब आज रात हुई कार्रवाई से कहीं अधिक ताकत से दिया जाएगा.' दूसरी ओर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई के एक प्रमुख सलाहकार ने अमेरिकी नौसेना के जहाजों पर मिसाइल हमले और ऑयल शिपिंग के एक प्रमुख रास्ते होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की अपील कर दी है.
खाड़ी में कितने अमेरिकी सैनिक
अमेरिकी सेनाएं इस समय अभी तुर्की, सीरिया, लेबनान, इराक, बहरीन, इजरायल, इजिप्ट, जिबूती, अरब सागर और कुवैत में तैनात हैं. सबसे ज्यादा 10 हजार अमेरिकी सैनिक कुवैत में हैं. कुल 51400 सैनिक इस क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं. तीन दिन पहले आई एक रिपोर्ट के अनुसार सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात की जानकारी मिलती है कि सभी अमेरिकी नौसेना के जहाज बहरीन के एक प्रमुख बंदरगाह से चले गए हैं. अमेरिका के ईरान पर हमले की आशंका से इन जहाजों को वहां से हटा दिया गया था.
खाड़ी का क्षेत्र अमेरिकी नौसेना के सेंट्रल कमांड के तहत आता है. जो तस्वीरें आई थीं उनसे इशारा मिलता है कि नेवी का एक फाइटर जेट, चार माइन काउंटरमेजर जहाज और स्पेशल ऑपरेशन सपोर्ट शिप एम/वी ओशन ट्रेडर ही इस समय यूएस सेंट्रल कमांड के जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में तैनात है. फारस की खाड़ी, होर्मुज जलडमरूमध्य और ओमान की खाड़ी से इन जहाजों का जाना अमेरिका की रणनीतिक तैयारियों का इशारा करता है.
40 मिलिट्री एयरक्राफ्ट हटाए
इसी तरह से अमेरिका ने 5 जून से 19 जून के बीच कतर के अल उदीद एयर बेस से करीब 40 मिलिट्री एयरक्राफ्ट को हटा लिया था. यह बेस अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण बेस में से एक है और मिडिल ईस्ट में सबसे बड़ा अमेरिकी मिलिट्री इंस्टॉलेशन भी है. कतर में मौजूद अमेरिकी दूतावास की तरफ से पिछले दिनों पुष्टि की गई थी कि अल उदीद तक एक्सेस को सीमित कर दिया गया है. साथ ही अमेरिका ने बिगड़ते सुरक्षा माहौल के कारण सैनिकों को सतर्क रहने की सलाह भी दी गई है.
सऊदी पहुंचा सबसे बड़ा जहाज
5 जून को प्लैनेट लैब्स पीबीसी की सैटेलाइट तस्वीरों में नजर आ रहा था कि करीब 40 एयरक्राफ्ट बेस पर मौजूद हैं. इनमें सी-130 हरक्यूलिस कार्गो प्लेन और सर्विलांस जेट तक शामिल थे. लेकिन 19 जून तक सिर्फ तीन एयरक्राफ्ट ही यहां पर बचे थे. फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, अमेरिकी एयरफोर्स ने ईरान के बॉर्डर के करीब सऊदी अरब में दुनिया का सबसे बड़ा मिलिट्री प्लेन तैनात कर दिया है. इटली के एवियानो एयर बेस से एक C-5m सुपर गैलेक्सी सऊदी अरब पहुंच गया है. इसके अलावा F-16, F-22 और F-35 जेट्स तक तैनात किए जा चुके हैं.
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