अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने कहा कि मंगल (Mars) ग्रह पर जीवन का पता लगाने के अभियान में साक्ष्य जुटाने के लिए पर्सविरन्स रोवर ग्रह की सतह पर गुरुवार (18 फरवरी, 2021) को उतर गया है. वहां अब ये रोवर प्राचीन माइक्रोबियल काल में जीवन के संकेतों की खोज के अपने मिशन पर जुट जाएगा.
नासा के इस अभियान का नेतृत्व करने वाली स्वाति मोहन ने गुरुवार को करीब 3.55 बजे (20.55 GMT) कहा, "टचडाउन कन्फर्म्ड." जैसे ही पर्सविरन्स मंगल पर सॉफ्ट टचडाउन किया, वैज्ञानिकों में खुशी की लहर दौड़ गई. स्वचालित निर्देशित प्रक्रिया निर्धारित समय से करीब 11 मिनट पहले ही पूरी कर ली गई.
Radar locked and cameras on. Looking for a safe spot for touchdown. About to cut free from a perfectly good parachute. I'm all in.#CountdownToMars pic.twitter.com/Eilc5Zq3ZW
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) February 18, 2021
नासा के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस ज़ुर्बुचेन ने ट्वीट किया, "WOW!!" उन्होंने मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्ध में जेज़ेरो क्रेटर से ली गई एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर भी पोस्ट की.
The parachute has been deployed! @NASAPersevere is on her way to complete her #CountdownToMars: pic.twitter.com/i29Wb4rYlo
— NASA (@NASA) February 18, 2021
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, "आज एक बार फिर साबित हुआ कि विज्ञान और अमेरिकी प्रतिभा की शक्ति के साथ, कुछ भी संभावना के दायरे से परे नहीं है."
Congratulations to NASA and everyone whose hard work made Perseverance's historic landing possible. Today proved once again that with the power of science and American ingenuity, nothing is beyond the realm of possibility. pic.twitter.com/NzSxW6nw4k
— President Biden (@POTUS) February 18, 2021
रोवर को किसी ग्रह की सतह पर उतारना अंतरिक्ष विज्ञान में सबसे जोखिम भरा कार्य होता है.नासा की पासाडेना, कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रणोदन प्रयोगशाला में ‘ पर्सविरन्स ' को लाल ग्रह की सतह पर उतारने को लेकर हलचल है. छह पहिए वाला यह उपकरण मंगल ग्रह पर उतरकर जानकारी जुटाएगा और ऐसी चट्टानें लेकर आएगा जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकता है कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था.
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े कई मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है. इस परियोजना के वैज्ञानिक केन विलिफोर्ड ने कहा, ‘‘क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड रूपी रेगिस्तान में अकेले हैं या कहीं और भी जीवन है? क्या जीवन कभी भी, कहीं भी अनुकूल परिस्थितियों की देन होता है?''
‘पर्सविरन्स' नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है. 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है. नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि रोवर को मंगल की सतह पर उतारने के दौरान सात मिनट का समय सांसें थमा देने वाला था.
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