अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद/काबुल:
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अलकायदा और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों से लड़ने की बजाए पड़ोसी देश के साथ संबंध बनाना सरकार के लिए 'बड़ी चुनौती' बन गई है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि काबुल भारत के साथ अपनी दोस्ती को लेकर गौरवान्वित है, क्योंकि नई दिल्ली अफगानिस्तान के लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में भागी है। इसके विपरीत गनी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता है और उनको प्रशिक्षित करता है, जिससे पाकिस्तान के साथ संबंध बनाना उनके देश के लिए बड़ी चुनौती है।
गनी ने पाकिस्तानी प्रसारक जियो न्यूज से कहा, 'हमें यह समझ नहीं आता कि पाकिस्तान कहता है कि वह आतंकवादियों के एक समूह को संविधान, सैन्य कानून में बदलाव नहीं करने देगा और उनके खिलाफ राष्ट्रीय कार्रवाई योजना बनाता है।' उन्होंने कहा, 'साथ ही पाकिस्तान दूसरे समूह को बर्दाश्त करता है जो सरकार को कमतर करने का प्रयास करता है और अफगानिस्तान में भय, मौत और विनाश लाता है।'
डॉन ने शनिवार को लिखा कि अफगानिस्तान के 64 वर्षीय राष्ट्रपति ने कहा कि वह पाकिस्तान के क्वेटा शहर में तालिबान नेताओं के पते मुहैया करा सकते हैं। एक दिन पहले काबुल में घातक आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें 80 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों जख्मी हो गए।
गनी ने दावा किया कि अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला और उसके सहयोगियों पर 11 बार बमबारी की है।
गनी ने कहा, 'क्या आप मुझे हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ, मुल्ला उमर के खिलाफ, मुल्ला मंसूर के खिलाफ एक भी अभियान दिखा सकते हैं। मंसूर ने कराची से बाहर पाकिस्तान के पासपोर्ट पर यात्रा की, क्या फजलुल्ला काबुल के बाहर अफगानिस्तान के पासपोर्ट पर जाता है।' अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने यह भी आरोप लगाए कि अफगानिस्तान में जख्मी आतंकवादियों का पाकिस्तान के अस्पतालों में इलाज होता है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि काबुल भारत के साथ अपनी दोस्ती को लेकर गौरवान्वित है, क्योंकि नई दिल्ली अफगानिस्तान के लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में भागी है। इसके विपरीत गनी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता है और उनको प्रशिक्षित करता है, जिससे पाकिस्तान के साथ संबंध बनाना उनके देश के लिए बड़ी चुनौती है।
गनी ने पाकिस्तानी प्रसारक जियो न्यूज से कहा, 'हमें यह समझ नहीं आता कि पाकिस्तान कहता है कि वह आतंकवादियों के एक समूह को संविधान, सैन्य कानून में बदलाव नहीं करने देगा और उनके खिलाफ राष्ट्रीय कार्रवाई योजना बनाता है।' उन्होंने कहा, 'साथ ही पाकिस्तान दूसरे समूह को बर्दाश्त करता है जो सरकार को कमतर करने का प्रयास करता है और अफगानिस्तान में भय, मौत और विनाश लाता है।'
डॉन ने शनिवार को लिखा कि अफगानिस्तान के 64 वर्षीय राष्ट्रपति ने कहा कि वह पाकिस्तान के क्वेटा शहर में तालिबान नेताओं के पते मुहैया करा सकते हैं। एक दिन पहले काबुल में घातक आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें 80 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों जख्मी हो गए।
गनी ने दावा किया कि अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला और उसके सहयोगियों पर 11 बार बमबारी की है।
गनी ने कहा, 'क्या आप मुझे हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ, मुल्ला उमर के खिलाफ, मुल्ला मंसूर के खिलाफ एक भी अभियान दिखा सकते हैं। मंसूर ने कराची से बाहर पाकिस्तान के पासपोर्ट पर यात्रा की, क्या फजलुल्ला काबुल के बाहर अफगानिस्तान के पासपोर्ट पर जाता है।' अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने यह भी आरोप लगाए कि अफगानिस्तान में जख्मी आतंकवादियों का पाकिस्तान के अस्पतालों में इलाज होता है।
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