पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशहाक डार. (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने वित्त मंत्री इशहाक डार को 14 नवंबर को अदालत में पेश होने का आदेश दिया. अदालत ने यह आदेश भ्रष्टाचार के एक मामले में डार द्वारा उसके समक्ष पेश होने में असफल रहने पर दिया. डार की वकील आयशा हामिद ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल अदालत में इसलिए पेश नहीं हुए, क्योंकि वह हृदय संबंधी दिक्कतों के लिए लंदन में जांच करा रहे हैं.
यह भी पढ़ें : पनामा मामला: पाकिस्तानी अदालत ने वित्त मंत्री इशहाक डार को भ्रष्टाचार का दोषी पाया
डार के खिलाफ मामला राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने उच्चतम न्यायालय के गत 28 जुलाई के उस आदेश के मद्देनजर दायर किया है, जिसमें नवाज शरीफ को पनामा पेपर घोटाला मामले में प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिया गया था. एनएबी ने शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों और वित्त मंत्री डार के खिलाफ इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत में भ्रष्टाचार और धनशोधन के लिए तीन मामले दायर किए थे. ये मामले शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिये जाने के कुछ सप्ताह बाद दायर किए गए थे.
VIDEO : क्या नवाज शरीफ का राजनैतिक करियर खत्म?
न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने 67 वर्षीय डार को 14 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई पर अपने जमानतदार के साथ पेश होने का आदेश दिया. कोर्ट ने साथ ही चेतावनी दी कि अगर वह पेश नहीं हुए तो 50 लाख रुपये की जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी. एनएबी अभियोजक ने डार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए अदालत पर दबाव डाला, लेकिन अदालत ने जमानती गिरफ्तारी वारंट बरकरार रखते हुए अर्जी खारिज कर दी.
यह भी पढ़ें : पनामा मामला: पाकिस्तानी अदालत ने वित्त मंत्री इशहाक डार को भ्रष्टाचार का दोषी पाया
डार के खिलाफ मामला राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने उच्चतम न्यायालय के गत 28 जुलाई के उस आदेश के मद्देनजर दायर किया है, जिसमें नवाज शरीफ को पनामा पेपर घोटाला मामले में प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिया गया था. एनएबी ने शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों और वित्त मंत्री डार के खिलाफ इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत में भ्रष्टाचार और धनशोधन के लिए तीन मामले दायर किए थे. ये मामले शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिये जाने के कुछ सप्ताह बाद दायर किए गए थे.
VIDEO : क्या नवाज शरीफ का राजनैतिक करियर खत्म?
न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने 67 वर्षीय डार को 14 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई पर अपने जमानतदार के साथ पेश होने का आदेश दिया. कोर्ट ने साथ ही चेतावनी दी कि अगर वह पेश नहीं हुए तो 50 लाख रुपये की जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी. एनएबी अभियोजक ने डार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए अदालत पर दबाव डाला, लेकिन अदालत ने जमानती गिरफ्तारी वारंट बरकरार रखते हुए अर्जी खारिज कर दी.