मई, 2014 में खोजे गए इस क्षुद्रग्रह को 2014-जेओ25 नाम दिया गया है...
पेरिस:
अंतरिक्ष विज्ञानियों के अनुसार, लगभग 650 मीटर (2,000 फुट) की लंबाई वाला एक क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड या Asteroid) बुधवार को पृथ्वी के बेहद करीब से गुज़रेगा... हालांकि यह दूरी पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन चिंता में डालने वाली है...
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने एक बयान में कहा, "हालांकि इस क्षुद्रग्रह के हमारे ग्रह से टकराने की कोई आशंका नहीं है, फिर भी इस आकार के किसी क्षुद्रग्रह के लिए यह बेहद करीब से गुज़रना कहा जाएगा..."
मई, 2014 में खोजे गए इस क्षुद्रग्रह को 2014-जेओ25 नाम दिया गया है, और यह पृथ्वी से लगभग 1.8 मिलियन (18 लाख) किलोमीटर, यानी 1.1 मिलियन (11 लाख) मील की दूरी पर होगा, जो हमारे उपग्रह चंद्रमा से पांच गुणा दूरी भी नहीं है...
सूर्य की परिक्रमा करने के बाद इस दिशा में आ रहा यह क्षुद्रग्रह हमारे ग्रह के ही सबसे नज़दीक से गुज़रेगा, और उसके बाद वह बृहस्पति ग्रह (जूपिटर) की ओर जाएगा, और फिर हमारे सौरमंडल के केंद्र की ओर लौटेगा...
वैसे, हर सप्ताह छोटे-छोटे कई क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुज़रते रहते हैं, लेकिन बड़े आकार वाला कोई क्षुद्रग्रह इससे पहले वर्ष 2004 में पृथ्वी के करीब पहुंचा था, जब पांच किलोमीटर (या 3.1 मील) के आकार वाला टोउटाटिस (Toutatis) पृथ्वी से बेहद करीब से गुज़रा था, यानी चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी की तुलना में चार गुणा से भी कम...
इसके बाद अब वर्ष 2027 तक किसी बड़े क्षुद्रग्रह के पृथ्वी के करीब से गुज़रने की कोई संभावना नहीं है... वर्ष 2027 में 800 मीटर (आधा मील) आकार वाला बेहद चौड़ा क्षुद्रग्रह 199-एएन10 ठीक उतनी ही दूरी से गुज़रेगा, जितनी दूरी पर चंद्रमा स्थित रहता है, यानी 3,80,000 किलोमीटर या 2,36,000 मील...
पिछली बार 2014-जेओ25 हमारी पृथ्वी के करीब से लगभग 400 साल पहले गुज़रा था, और अब अगली बार यह पृथ्वी के करीब वर्ष 2600 से पहले नहीं आएगा...
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) का कहना है कि 19 अप्रैल को इस क्षुद्रग्रह का पृथ्वी के करीब से गुज़रना अंतरिक्ष विज्ञानियों तथा तारों को निहारने वालों के लिए 'बेहद शानदार अवसर' है... नासा ने कहा, "दुनियाभर के अंतरिक्ष विज्ञानी इस क्षुद्रग्रह को टेलीस्कोपों के ज़रिये निहारने की योजना बनाए बैठे हैं, और इससे ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी हासिल करना चाहते हैं..."
इस क्षुद्रग्रह के अलावा बुधवार को ही पैनस्टार्स (PanSTARRS) नामक एक धूमकेतु भी कतई सुरक्षित दूरी से गुज़रेगा, लेकिन वह उसकी पृथ्वी से अब तक की निकटतम दूरी होगी... यह धूमकेतु पृथ्वी से लगभग 17.5 करोड़ किलोमीटर (10 करोड़ 90 लाख मील) दूर से गुज़रेगा... इस धूमकेतु की चमक हाल ही में बढ़ी है, और सुबह-सुबह के आकाश में इसे दूरबीन या छोटे टेलीस्कोप से देखा जा सकेगा...
क्षुद्रग्रह चट्टानों तथा धातुओं से बने होते हैं, जबकि धूमकेतु - जो आमतौर पर छोटे होते हैं - बर्फ, धूल और चट्टानों से बने होते हैं...
(इनपुट एएफपी से भी)
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने एक बयान में कहा, "हालांकि इस क्षुद्रग्रह के हमारे ग्रह से टकराने की कोई आशंका नहीं है, फिर भी इस आकार के किसी क्षुद्रग्रह के लिए यह बेहद करीब से गुज़रना कहा जाएगा..."
मई, 2014 में खोजे गए इस क्षुद्रग्रह को 2014-जेओ25 नाम दिया गया है, और यह पृथ्वी से लगभग 1.8 मिलियन (18 लाख) किलोमीटर, यानी 1.1 मिलियन (11 लाख) मील की दूरी पर होगा, जो हमारे उपग्रह चंद्रमा से पांच गुणा दूरी भी नहीं है...
सूर्य की परिक्रमा करने के बाद इस दिशा में आ रहा यह क्षुद्रग्रह हमारे ग्रह के ही सबसे नज़दीक से गुज़रेगा, और उसके बाद वह बृहस्पति ग्रह (जूपिटर) की ओर जाएगा, और फिर हमारे सौरमंडल के केंद्र की ओर लौटेगा...
वैसे, हर सप्ताह छोटे-छोटे कई क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुज़रते रहते हैं, लेकिन बड़े आकार वाला कोई क्षुद्रग्रह इससे पहले वर्ष 2004 में पृथ्वी के करीब पहुंचा था, जब पांच किलोमीटर (या 3.1 मील) के आकार वाला टोउटाटिस (Toutatis) पृथ्वी से बेहद करीब से गुज़रा था, यानी चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी की तुलना में चार गुणा से भी कम...
इसके बाद अब वर्ष 2027 तक किसी बड़े क्षुद्रग्रह के पृथ्वी के करीब से गुज़रने की कोई संभावना नहीं है... वर्ष 2027 में 800 मीटर (आधा मील) आकार वाला बेहद चौड़ा क्षुद्रग्रह 199-एएन10 ठीक उतनी ही दूरी से गुज़रेगा, जितनी दूरी पर चंद्रमा स्थित रहता है, यानी 3,80,000 किलोमीटर या 2,36,000 मील...
पिछली बार 2014-जेओ25 हमारी पृथ्वी के करीब से लगभग 400 साल पहले गुज़रा था, और अब अगली बार यह पृथ्वी के करीब वर्ष 2600 से पहले नहीं आएगा...
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) का कहना है कि 19 अप्रैल को इस क्षुद्रग्रह का पृथ्वी के करीब से गुज़रना अंतरिक्ष विज्ञानियों तथा तारों को निहारने वालों के लिए 'बेहद शानदार अवसर' है... नासा ने कहा, "दुनियाभर के अंतरिक्ष विज्ञानी इस क्षुद्रग्रह को टेलीस्कोपों के ज़रिये निहारने की योजना बनाए बैठे हैं, और इससे ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी हासिल करना चाहते हैं..."
इस क्षुद्रग्रह के अलावा बुधवार को ही पैनस्टार्स (PanSTARRS) नामक एक धूमकेतु भी कतई सुरक्षित दूरी से गुज़रेगा, लेकिन वह उसकी पृथ्वी से अब तक की निकटतम दूरी होगी... यह धूमकेतु पृथ्वी से लगभग 17.5 करोड़ किलोमीटर (10 करोड़ 90 लाख मील) दूर से गुज़रेगा... इस धूमकेतु की चमक हाल ही में बढ़ी है, और सुबह-सुबह के आकाश में इसे दूरबीन या छोटे टेलीस्कोप से देखा जा सकेगा...
क्षुद्रग्रह चट्टानों तथा धातुओं से बने होते हैं, जबकि धूमकेतु - जो आमतौर पर छोटे होते हैं - बर्फ, धूल और चट्टानों से बने होते हैं...
(इनपुट एएफपी से भी)
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