बैंकॉक में विस्फोट स्थल का मुआयना करती थाई पुलिस (फाइल फोटो)
बैंकॉक:
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक स्थित लोकप्रिय ब्रह्मा मंदिर में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में दो भारतीयों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इन दोनों को धमाके के एक विदेशी संदिग्ध से बातचीत करते हुए सीसीटीवी में कैद हुए हैं। दूसरी तरफ इस मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति ने बताया कि हमले का मास्टरमाइंड थाइलैंड से बाहर जा चुका है।
समाचार पत्र 'द नेशन' ने पुलिस के हवाले से खबर दी है कि दोनों भारतीयों को पूछताछ के लिए सेना के शिविर में ले जाया गया है। दोनों की पहचान नहीं बताई गई है।
सूत्रों ने बताया, 'भारतीयों के बारे में अभी तक कुछ नहीं पता है और यह स्पष्ट नहीं है कि किस बारे में पूछताछ हो रही है।' सहायक पुलिस आयुक्त जनरल प्रवत थावोरनसिरी के नेतृत्व में 20 पुलिसकर्मी और जवानों ने रविवार रात नौ बजे मीनबुरी के मैमुना गार्डन होम अपार्टमेंट में छापा मारा, जिसके बाद दोनों भारतीयों को पूछताछ के लिए ले जाया गया। उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया है।
नेशन ने लिखा है कि पुलिस को बम बनाने वाली सामग्री जिस कमरे में मिली उसके बगल के कमरे में दोनों भारतीय रह रहे थे। इस मामले में कमरे में रहने वाले विदेशी नागरिक और उसके लिए कमरे को किराये पर लेने वाली थाईलैंड की महिला की भी तलाश है।
इरावन ब्रह्मा मंदिर में 17 अगस्त को हुए बम विस्फोट में शामिल लोगों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। विस्फोट में 20 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।
पुलिस और सेना के अधिकारियों के संयुक्त दल ने मिनबुरी जिले के कई भवनों और किराये के मकानों पर रविवार को छापेमारी की थी। मिन बुरी थाने के प्रभारी और मेट्रोपोलिटन पुलिस के उप कमांडर कोलोनर वट्टाना यिचिन ने कहा कि अपराधों पर अंकुश लगाने के उपायों के तहत छापामारी की गई थी क्योंकि इलाके में कई लोग विदेशियों को किराए पर भवन देते हैं।
बैंकॉक विस्फोट के मामले में पुलिस अब तक 10 विदेशी संदिग्धों के खिलाफ 10 गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुकी है। इनमें से एक संदिग्ध के पास चीन का पासपोर्ट था। उधर, कंबोडिया की सीमा के निकट से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध ने सेना की पूछताछ में बताया कि उसने बम रखने वाले हमलावर के लिए बम तैयार किया था। इस संदिग्ध की पहचान यूसुफ मेराली के रूप में हुई है। बम रखने वाला हमलावर अभी तक पकड़ में नहीं आया है।
इस मामले में गिरफ्तार एडम कर्डाक उर्फ बिलल मोहम्मद नामक व्यक्ति को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया। उसे सेना की हिरासत से जेल भेज दिया गया है।
मेराली ने स्वीकार किया कि उसने बम तैयार किए और फिर उसे पीली-शर्ट वाले संदिग्ध को सौंपा, जो सीसीटीवी फुटेज में नजर आया है। उसने सेना को बताया कि उसे बम तैयार करने का काम दिया गया था।
मेराली ने कहा कि हमले के मास्टरमाइंड की पहचान इजान के रूप में की है। उसने कहा कि इजान ने व्हाट्सऐप चैटिंग का इस्तेमाल करके इस हमले का फरमान जारी किया और अंजाम दिलवाया।
सूत्रों के अनुसार मेराली ने बताया कि इजान विस्फोट से एक दिन पहले 16 अगस्त को बैंकॉक से हवाई मार्ग से चीन भाग गया और फिर वहां से बांग्लादेश चला गया। मेराली ने दावा किया कि वह पीली शर्ट वाले संदिग्ध से पहले कभी नहीं मिला।
समाचार पत्र 'द नेशन' ने पुलिस के हवाले से खबर दी है कि दोनों भारतीयों को पूछताछ के लिए सेना के शिविर में ले जाया गया है। दोनों की पहचान नहीं बताई गई है।
सूत्रों ने बताया, 'भारतीयों के बारे में अभी तक कुछ नहीं पता है और यह स्पष्ट नहीं है कि किस बारे में पूछताछ हो रही है।' सहायक पुलिस आयुक्त जनरल प्रवत थावोरनसिरी के नेतृत्व में 20 पुलिसकर्मी और जवानों ने रविवार रात नौ बजे मीनबुरी के मैमुना गार्डन होम अपार्टमेंट में छापा मारा, जिसके बाद दोनों भारतीयों को पूछताछ के लिए ले जाया गया। उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया है।
नेशन ने लिखा है कि पुलिस को बम बनाने वाली सामग्री जिस कमरे में मिली उसके बगल के कमरे में दोनों भारतीय रह रहे थे। इस मामले में कमरे में रहने वाले विदेशी नागरिक और उसके लिए कमरे को किराये पर लेने वाली थाईलैंड की महिला की भी तलाश है।
इरावन ब्रह्मा मंदिर में 17 अगस्त को हुए बम विस्फोट में शामिल लोगों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। विस्फोट में 20 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।
पुलिस और सेना के अधिकारियों के संयुक्त दल ने मिनबुरी जिले के कई भवनों और किराये के मकानों पर रविवार को छापेमारी की थी। मिन बुरी थाने के प्रभारी और मेट्रोपोलिटन पुलिस के उप कमांडर कोलोनर वट्टाना यिचिन ने कहा कि अपराधों पर अंकुश लगाने के उपायों के तहत छापामारी की गई थी क्योंकि इलाके में कई लोग विदेशियों को किराए पर भवन देते हैं।
बैंकॉक विस्फोट के मामले में पुलिस अब तक 10 विदेशी संदिग्धों के खिलाफ 10 गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुकी है। इनमें से एक संदिग्ध के पास चीन का पासपोर्ट था। उधर, कंबोडिया की सीमा के निकट से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध ने सेना की पूछताछ में बताया कि उसने बम रखने वाले हमलावर के लिए बम तैयार किया था। इस संदिग्ध की पहचान यूसुफ मेराली के रूप में हुई है। बम रखने वाला हमलावर अभी तक पकड़ में नहीं आया है।
इस मामले में गिरफ्तार एडम कर्डाक उर्फ बिलल मोहम्मद नामक व्यक्ति को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया। उसे सेना की हिरासत से जेल भेज दिया गया है।
मेराली ने स्वीकार किया कि उसने बम तैयार किए और फिर उसे पीली-शर्ट वाले संदिग्ध को सौंपा, जो सीसीटीवी फुटेज में नजर आया है। उसने सेना को बताया कि उसे बम तैयार करने का काम दिया गया था।
मेराली ने कहा कि हमले के मास्टरमाइंड की पहचान इजान के रूप में की है। उसने कहा कि इजान ने व्हाट्सऐप चैटिंग का इस्तेमाल करके इस हमले का फरमान जारी किया और अंजाम दिलवाया।
सूत्रों के अनुसार मेराली ने बताया कि इजान विस्फोट से एक दिन पहले 16 अगस्त को बैंकॉक से हवाई मार्ग से चीन भाग गया और फिर वहां से बांग्लादेश चला गया। मेराली ने दावा किया कि वह पीली शर्ट वाले संदिग्ध से पहले कभी नहीं मिला।
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