आईएस आतंक के साए में जी रहे बच्चे बम विस्फोटों की आवाज से बेहद डरे हुए हैं (फाइल फोटो)
मोसुल:
किसी भी तरह की लड़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान मासूम बच्चों को उठाना पड़ता है. बात इराक की करें तो यहां के मोसुल शहर में सुरक्षा बलों और आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के बीच छिड़ी भयानक लड़ाई के चलते पिछले हफ्ते 15 हज़ार बच्चों को वहां से पलायन करने लिए मजबूर होना पड़ा. इस बात का खुलासा बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने किया है.
यूनिसेफ के क्षेत्रीय आपातकालीन सलाहकार बास्तिएन विगनियू ने बताया कि मोसुल से 20 किलोमीटर दूर हमाम अली कैम्प में यूनिसेफ जरूरत की चीजें तत्काल मुहैया करा रहा है. वहां पहुंचने वाले बच्चों को सहायता दी जा रही है. उन्होंने कहा कि बम विस्फोटों की आवाज से बच्चे बेहद डरे हुए हैं और इसके चलते उनके माता-पिता को पलायन करने का फैसला करना पड़ा.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) से संबंधित कार्यालय के प्रवक्ता मैथ्यू सरमाश ने कहा कि हालिया दिनों में विस्थापन में काफी वृद्धि दर्ज हुई है और शरणार्थियों का पनाहगाह हमाम अली कैम्प अपनी अधिकतम क्षमता को पार करने के करीब है.
उन्होंने कहा कि फिलहाल कैम्पों के लिए डेढ़ लाख जगह अधिकृत हैं और ढाई लाख लोगों को बसाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है. अक्टूबर 2016 में आईएस के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से मोसुल से एक लाख बच्चे विस्थापित हो चुके हैं. इराक की राजधानी बगदाद से 400 किलोमीटर दूर मोसुल जून, 2014 से आईएस के कब्जे में है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यूनिसेफ के क्षेत्रीय आपातकालीन सलाहकार बास्तिएन विगनियू ने बताया कि मोसुल से 20 किलोमीटर दूर हमाम अली कैम्प में यूनिसेफ जरूरत की चीजें तत्काल मुहैया करा रहा है. वहां पहुंचने वाले बच्चों को सहायता दी जा रही है. उन्होंने कहा कि बम विस्फोटों की आवाज से बच्चे बेहद डरे हुए हैं और इसके चलते उनके माता-पिता को पलायन करने का फैसला करना पड़ा.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) से संबंधित कार्यालय के प्रवक्ता मैथ्यू सरमाश ने कहा कि हालिया दिनों में विस्थापन में काफी वृद्धि दर्ज हुई है और शरणार्थियों का पनाहगाह हमाम अली कैम्प अपनी अधिकतम क्षमता को पार करने के करीब है.
उन्होंने कहा कि फिलहाल कैम्पों के लिए डेढ़ लाख जगह अधिकृत हैं और ढाई लाख लोगों को बसाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है. अक्टूबर 2016 में आईएस के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से मोसुल से एक लाख बच्चे विस्थापित हो चुके हैं. इराक की राजधानी बगदाद से 400 किलोमीटर दूर मोसुल जून, 2014 से आईएस के कब्जे में है.
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