
दुनिया में इस साल कम से कम 1.4 करोड़ बच्चों को भूख और कुपोषण या मृत्यु का खतरा बढ़ गया है क्योंकि अमेरिका जैसे प्रमुख इंटरनेशनल डोनर्स ने अपने सहायता बजट में कटौती की है. यह चेतावनी बुधवार, 26 मार्च को संयुक्त राष्ट्र की बच्चों की एजेंसी यूनिसेफ (UNICEF) ने दी.
UNICEF ने सरकारों और परोपकारी संस्थानों से भुखमरी की लहर से निपटने के लिए अपने चाइल्ड न्यूट्रिशन फंड में योगदान देने का आग्रह किया. UNICEF के कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा कि सदी की शुरुआत से बच्चों की भूख मिटाने में काफी प्रगति हुई है, लेकिन ये बढ़त जल्दी ही खत्म हो सकती हैं.
गौरतलब है कि जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो महीने पहले सत्ता में लौटे हैं, उनके अरबपति सलाहकार एलन मस्क के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने USAID एजेंसी को दरकिनार कर दिया है.
अमेरिका के एक जज ने इस प्रयास को रोकने का आदेश दिया है, लेकिन राज्य सचिव मार्को रुबियो ने पुष्टि की है कि USAID अपने 42 अरब डॉलर के बजट से 83 प्रतिशत कार्यक्रम रद्द कर रहा है.
वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन जैसे अन्य प्रमुख डोनर देशों ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय सहायता में कटौती या रोक लगा दी है क्योंकि वे रक्षा खर्च को बढ़ावा देने के साथ-साथ घाटे को नियंत्रित करना चाहते हैं. लेकिन रसेल ने चेतावनी दी कि गंभीर कुपोषण से पीड़ित 24 लाख बच्चे बाकि बचे साल के लिए UNICEF के "उपयोग के लिए तैयार चिकित्सीय भोजन" से वंचित रह जाएंगे.
भुखमरी का सामना कर रहे बच्चों को गंभीर देखभाल प्रदान करने वाले 2,300 केंद्र बंद हो सकते हैं, और 28,000 UNICEF समर्थित फूड सेंटर भी खतरे में हैं. कुल मिलाकर, रसेल ने चेतावनी दी, इस वर्ष 1.4 करोड़ बच्चों को "पोषण सहायता और सेवाओं में रुकावट का सामना करने की आशंका है". रसेल ने कहा, "फंडिंग संकट उन बच्चों के लिए अभूतपूर्व आवश्यकता के समय आया है जो रिकॉर्ड स्तर पर विस्थापन, नए और लंबे संघर्षों, बीमारी के प्रकोप और जलवायु परिवर्तन के घातक परिणामों का सामना कर रहे हैं."
(इनपुट- एएफपी)
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