अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप.
सैन फ्रांसिस्को:
फेसबुक, गूगल और ट्विटर 1 नवंबर, 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर पूछताछ का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं और साथ ही वे सांसदों को यह भी बताने की योजना बना रहे हैं कि इन मंचों पर उपभोक्ताओं तक रूसी सामग्री प्राप्त जानकारी की तुलना में काफी अधिक पहुंची है. 'द वाशिंगटन पोस्ट' की सोमवार की रपट के अनुसार, फेसबुक कानून निर्माताओं को यह बताने की तैयारी कर रहा है कि उसके 12.6 करोड़ उपभोक्ताओं ने रूसी ऑपरेटरों द्वारा निर्मित व प्रसारित साम्रगी को देखा था, जो उस आंकड़े से बहुत ज्यादा है, जिसका कंपनी पहले कई बार खुलासा कर चुकी है.
फेसबुक ने पहले बताया था कि उसके एक करोड़ उपभोक्ताओं ने ऐसे विज्ञापन देखे थे. इसी तरह, गूगल ने भी बताया है कि उसे यह सबूत मिला था कि रूसी ऑपरेटरों ने अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस मंच का इस्तेमाल किया.
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि उसे रूस से संबंधित 1,108 वीडियो मिल चुके हैं. कंपनी को 4,700 डॉलर मूल्य के प्रदर्शित विज्ञापनों की भी जानकारी मिली.
रपट के अनुसार, इसके अलावा ट्विटर भी जांचकर्ताओं को बताएगा कि उसने रूसी ऑपरेटरों द्वारा नियंत्रित 2,752 खातों और 36,000 से अधिक बॉट्स की पहचान की है, जिन्होंने चुनाव के दौरान 14 लाख बार ट्वीट किया गया था. जबकि कंपनी ने इससे पहले रूस से जुड़े 201 खातों की सूचना दी थी. जांचकर्ताओं द्वारा जांच के बाद प्रौद्योगिकी दिग्गज अब राजनीतिक विज्ञापनों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने में जुट गए हैं.
फेसबुक ने पहले बताया था कि उसके एक करोड़ उपभोक्ताओं ने ऐसे विज्ञापन देखे थे. इसी तरह, गूगल ने भी बताया है कि उसे यह सबूत मिला था कि रूसी ऑपरेटरों ने अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस मंच का इस्तेमाल किया.
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि उसे रूस से संबंधित 1,108 वीडियो मिल चुके हैं. कंपनी को 4,700 डॉलर मूल्य के प्रदर्शित विज्ञापनों की भी जानकारी मिली.
रपट के अनुसार, इसके अलावा ट्विटर भी जांचकर्ताओं को बताएगा कि उसने रूसी ऑपरेटरों द्वारा नियंत्रित 2,752 खातों और 36,000 से अधिक बॉट्स की पहचान की है, जिन्होंने चुनाव के दौरान 14 लाख बार ट्वीट किया गया था. जबकि कंपनी ने इससे पहले रूस से जुड़े 201 खातों की सूचना दी थी. जांचकर्ताओं द्वारा जांच के बाद प्रौद्योगिकी दिग्गज अब राजनीतिक विज्ञापनों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने में जुट गए हैं.
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