नई दिल्ली:
टीम इंडिया जब वर्ल्ड कप खेलती है, तब भारत में हर क्रिकेट प्रेमी यही दुआ करता है कि टीम वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल करे। लेकिन बुधवार को बांग्लादेश के खिलाफ हुए मैच में भारतीय टीम का हाल देख कर ऐसा नहीं लगता कि वह इस बार खिताब जीतने का माददा रखती है। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में टीम इंडिया को जीत जरूर मिली, लेकिन इस जीत के पीछे वजह टीम इंडिया के अच्छे खेल से ज्यादा बांग्लादेश की गलतियां रहीं, जहां एक जीता हुआ मैच बांग्लादेश हार गया।
चैम्पियन की तरह नहीं खेल रही टीम इंडिया
इस बार टी20 वर्ल्ड कप में कभी ऐसा नहीं लगा कि भारत एक शानदार टीम की तरह खेल रहा है। चाहे बैटिंग हो या फेल्डिंग, हर विभाग में टीम इंडिया उम्मीदों पर पानी फेरती ही दिख रही है। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में टीम इंडिया ने कई ऐसे कैच छोड़े, जिसे देख ऐसा लग रहा था कि कोई साधारण टीम फील्डिंग कर रही हो। इसके अलावा मैच में भारतीय टीम की बॉलिंग भी फीकी दिखी।
इससे पहले के मैचों में भी टीम इंडिया का कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला। अपने पहले मैच में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया बैटिंग में फेल हुई। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया महज़ 127 रनों के लक्ष्य का भी पीछा नहीं कर पाई और पूरी टीम सिर्फ 79 रन पर ढेर हो गई। इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ मैच भारत जीता ज़रूर, लेकिन इस मैच में भी पूरी टीम से ज्यादा एक अकेले विराट कोहली की तारीफ होनी चाहिए। कोहली ने अपने दम पर ही यह मैच जिताया।
टीम इंडिया को सेमीफाइनल पहुंचने के लिए क्या करना पड़ेगा
अगर बांग्लादेश के खिलाफ मैच टीम इंडिया नहीं जीत पाती, तो सेमीफाइनल की दौड़ से लगभग बहार हो गई होती। हालांकि अब सेमीफाइनल में टीम की जगह पक्की नहीं हुई है। इसके लिए भारतीय टीम को अपने अगले मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराना पड़ेगा। हालांकि यहां यह ज़रूर ध्यान में रखना चाहिए कि भारत से ज्यादा अच्छी टीम ऑस्ट्रेलिया है और अगर भारत ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त नहीं दे पाता, तो उसकी राह थोड़ी मुश्किल जरूर हो जाएगी।
अगर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से बुरी तरह हार जाती है, और वहीं पाकिस्तान टीम ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह हरा देती है तो इस स्थिति में बेहतर रनरेट से तय होगा कि पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया से कौन सी टीम सेमीफ़ाइनल में जगह बनाएगी। वहीं अगर ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान और भारतीय टीम दोनों को हरा देती है, तो सेमीफाइनल में उसका स्थान पक्का हो जाएगा।
इस हालत में भी क्या वर्ल्ड कप जीत सकती है टीम इंडिया?
1983 के वर्ल्ड कप की अगर बात की जाए, तो किसी ने यह उम्मीद नहीं की था कि भारत वर्ल्ड कप जीत सकता है। लेकिन उस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने कई बड़ी टीमों को हराते हुए फाइनल में पहुंची थी और वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। वहीं 2007 में टी 20 वर्ल्ड कप के लिए जब महेंद्र सिंह धोनी को टीम की कमान सौंपी गई, तब कई सवाल उठाए गए थे, लेकिन टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टी-20 वर्ल्ड कप जीता था। इसके अलावा 2011 के धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम वनडे वर्ल्ड कप की विजेता बनी।
हालांकि यहां यह ध्यान में रखना होगा कि, चाहे 1983, 2007 या 2011 का वर्ल्ड कप हो, इन तीनों सीरीज़ में भारत ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था। 1983 वर्ल्ड कप में भारत ने अपने पहला मैच में वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को हराया था, जो तब बहुत बड़ी बात थी। फिर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमों को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। ऐसा ही हाल 2007 में में भी देखने को मिला, जहां लीग मैच के दौरान टीम इंडिया ने पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड जैसी टीमों को हराते हुए फाइनल मुकाबले में पहुंची थी।
लेकिन इस बार भारतीय टीम शुरू से ही चैम्पियन की तरह खेल नहीं दिखा पा रही है। सीरीज़ में भारत जरूर दो मैच जीता हो, लेकिन अच्छे रन रेट के साथ नहीं जीत पाया। अगर भारत को वर्ल्ड कप जीतना है तो मैच में उसे ऑस्ट्रेलिया को हराना पड़ेगा और फिर सेमीफइनल और फाइनल में अच्छा प्रदर्शन करना पड़ेगा। लेकिन अगर भारतीय टीम का प्रदर्शन ऐसा ही रहा, जैसा न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ मैच में था तो यह बात पक्की मानकर चलें कि भारत वर्ल्ड कप से बहार हो जाएगा, क्योंकि इस बार न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज जैसी टीमें शानदार खेल का दिखा रही हैं। इन टीमों को हराने के लिए भारत को चैम्पियन जैसा खेलना पड़ेगा।
चैम्पियन की तरह नहीं खेल रही टीम इंडिया
इस बार टी20 वर्ल्ड कप में कभी ऐसा नहीं लगा कि भारत एक शानदार टीम की तरह खेल रहा है। चाहे बैटिंग हो या फेल्डिंग, हर विभाग में टीम इंडिया उम्मीदों पर पानी फेरती ही दिख रही है। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में टीम इंडिया ने कई ऐसे कैच छोड़े, जिसे देख ऐसा लग रहा था कि कोई साधारण टीम फील्डिंग कर रही हो। इसके अलावा मैच में भारतीय टीम की बॉलिंग भी फीकी दिखी।
इससे पहले के मैचों में भी टीम इंडिया का कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला। अपने पहले मैच में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया बैटिंग में फेल हुई। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया महज़ 127 रनों के लक्ष्य का भी पीछा नहीं कर पाई और पूरी टीम सिर्फ 79 रन पर ढेर हो गई। इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ मैच भारत जीता ज़रूर, लेकिन इस मैच में भी पूरी टीम से ज्यादा एक अकेले विराट कोहली की तारीफ होनी चाहिए। कोहली ने अपने दम पर ही यह मैच जिताया।
टीम इंडिया को सेमीफाइनल पहुंचने के लिए क्या करना पड़ेगा
अगर बांग्लादेश के खिलाफ मैच टीम इंडिया नहीं जीत पाती, तो सेमीफाइनल की दौड़ से लगभग बहार हो गई होती। हालांकि अब सेमीफाइनल में टीम की जगह पक्की नहीं हुई है। इसके लिए भारतीय टीम को अपने अगले मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराना पड़ेगा। हालांकि यहां यह ज़रूर ध्यान में रखना चाहिए कि भारत से ज्यादा अच्छी टीम ऑस्ट्रेलिया है और अगर भारत ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त नहीं दे पाता, तो उसकी राह थोड़ी मुश्किल जरूर हो जाएगी।
अगर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से बुरी तरह हार जाती है, और वहीं पाकिस्तान टीम ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह हरा देती है तो इस स्थिति में बेहतर रनरेट से तय होगा कि पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया से कौन सी टीम सेमीफ़ाइनल में जगह बनाएगी। वहीं अगर ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान और भारतीय टीम दोनों को हरा देती है, तो सेमीफाइनल में उसका स्थान पक्का हो जाएगा।
इस हालत में भी क्या वर्ल्ड कप जीत सकती है टीम इंडिया?
1983 के वर्ल्ड कप की अगर बात की जाए, तो किसी ने यह उम्मीद नहीं की था कि भारत वर्ल्ड कप जीत सकता है। लेकिन उस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने कई बड़ी टीमों को हराते हुए फाइनल में पहुंची थी और वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। वहीं 2007 में टी 20 वर्ल्ड कप के लिए जब महेंद्र सिंह धोनी को टीम की कमान सौंपी गई, तब कई सवाल उठाए गए थे, लेकिन टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टी-20 वर्ल्ड कप जीता था। इसके अलावा 2011 के धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम वनडे वर्ल्ड कप की विजेता बनी।
हालांकि यहां यह ध्यान में रखना होगा कि, चाहे 1983, 2007 या 2011 का वर्ल्ड कप हो, इन तीनों सीरीज़ में भारत ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था। 1983 वर्ल्ड कप में भारत ने अपने पहला मैच में वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को हराया था, जो तब बहुत बड़ी बात थी। फिर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमों को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। ऐसा ही हाल 2007 में में भी देखने को मिला, जहां लीग मैच के दौरान टीम इंडिया ने पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड जैसी टीमों को हराते हुए फाइनल मुकाबले में पहुंची थी।
लेकिन इस बार भारतीय टीम शुरू से ही चैम्पियन की तरह खेल नहीं दिखा पा रही है। सीरीज़ में भारत जरूर दो मैच जीता हो, लेकिन अच्छे रन रेट के साथ नहीं जीत पाया। अगर भारत को वर्ल्ड कप जीतना है तो मैच में उसे ऑस्ट्रेलिया को हराना पड़ेगा और फिर सेमीफइनल और फाइनल में अच्छा प्रदर्शन करना पड़ेगा। लेकिन अगर भारतीय टीम का प्रदर्शन ऐसा ही रहा, जैसा न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ मैच में था तो यह बात पक्की मानकर चलें कि भारत वर्ल्ड कप से बहार हो जाएगा, क्योंकि इस बार न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज जैसी टीमें शानदार खेल का दिखा रही हैं। इन टीमों को हराने के लिए भारत को चैम्पियन जैसा खेलना पड़ेगा।
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