युवराज सिंह का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
टी-20 वर्ल्ड कप 2016 में इस बार कई सीनियर खिलाड़ियों ने वापसी की... जैसे आशीष नेहरा, हरभजन सिंह और युवराज सिंह, जिसमें से नेहरा ने अपना हुनर खूब दिखाया है। हर मैच में जरूरत के समय में टीम के लिए विकेट झटके है।
हालांकि भज्जी को टीम में खेलने का मौका ही नहीं मिला पर युवराज सिंह को टीम से 4 लीग मैच में खेलने का मौका मिला, लेकिन यहां सवाल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर है कि उन्होंने उन्हें पूरा मौका दिया या उन्हें जान-बूझकर नज़र अंदाज़ किया गया।
खैर, ऐसे सवाल धोनी पर पहले भी उठे हैं, लेकिन इस टूर्नामेंट में उन्हें पहले 3 मैचों में गेंदबाजी करने का मौका नहीं दिया गया। सवाल ये है कि क्या धोनी ने उन्हें अपने आगे के मैचों में सरप्राइज एलिमेंट के तौर पर बचाकर रखा था, जिसमें वो खरे भी उतरे। उन्होंने पहले ही ओवर की पहली गेंद पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ को अपनी पहली ही गेंद पर पैवेलियन भेज दिया। हालांकि अभी भी सवाल है कि वो आउट थे या नहीं पर क्रिकेट में अक्सर ऐसे मौके देखे जाते है जब बल्लेबाज आउट नहीं होता है पर बेनिफिट ऑफ़ डाउट के चलते आउट करार दिया जाता है।
उसके अलावा देखा जाए तो उन्होंने बड़ी ही शानदार गेंदबाज़ी की और बल्लेबाज़ी के दौरान टखने में दर्द से जूझते हुए बैटिंग कर 21 रन बनाए जोकि बहुत ही जरुरी थे, जब टीम के ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के आगे 3 विकेट गिर चुके थे।
उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भी कोहली के साथ अच्छी सधी हुई साझेदारी की थी, जिसमें उन्होंने 24 रन बनाए। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 52 रन बनाए और तीन ओवर में 19 रन देकर एक विकेट लिया। अगर उन्हें बाकी तीन मैचों में भी मौका मिला होता तो शायद उनके रिकॉर्ड्स और अच्छे होते।
खैर, अब टखने में चोट के कारण वो वर्ल्ड टी-20 से बाहर हो गए हैं, लेकिन अब देखना होगा कि धोनी प्लेइंग-11 में किसको लेते हैं, मनीष पांडेय या अजिंक्य रहाणे। हालांकि मौका किसी को भी मिले पर हम सब यही चाहेंगे की सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज को हराकर भारत टी-20 फाइनल में पहुंचे और जीते।
हालांकि भज्जी को टीम में खेलने का मौका ही नहीं मिला पर युवराज सिंह को टीम से 4 लीग मैच में खेलने का मौका मिला, लेकिन यहां सवाल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर है कि उन्होंने उन्हें पूरा मौका दिया या उन्हें जान-बूझकर नज़र अंदाज़ किया गया।
खैर, ऐसे सवाल धोनी पर पहले भी उठे हैं, लेकिन इस टूर्नामेंट में उन्हें पहले 3 मैचों में गेंदबाजी करने का मौका नहीं दिया गया। सवाल ये है कि क्या धोनी ने उन्हें अपने आगे के मैचों में सरप्राइज एलिमेंट के तौर पर बचाकर रखा था, जिसमें वो खरे भी उतरे। उन्होंने पहले ही ओवर की पहली गेंद पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ को अपनी पहली ही गेंद पर पैवेलियन भेज दिया। हालांकि अभी भी सवाल है कि वो आउट थे या नहीं पर क्रिकेट में अक्सर ऐसे मौके देखे जाते है जब बल्लेबाज आउट नहीं होता है पर बेनिफिट ऑफ़ डाउट के चलते आउट करार दिया जाता है।
उसके अलावा देखा जाए तो उन्होंने बड़ी ही शानदार गेंदबाज़ी की और बल्लेबाज़ी के दौरान टखने में दर्द से जूझते हुए बैटिंग कर 21 रन बनाए जोकि बहुत ही जरुरी थे, जब टीम के ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के आगे 3 विकेट गिर चुके थे।
उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भी कोहली के साथ अच्छी सधी हुई साझेदारी की थी, जिसमें उन्होंने 24 रन बनाए। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 52 रन बनाए और तीन ओवर में 19 रन देकर एक विकेट लिया। अगर उन्हें बाकी तीन मैचों में भी मौका मिला होता तो शायद उनके रिकॉर्ड्स और अच्छे होते।
खैर, अब टखने में चोट के कारण वो वर्ल्ड टी-20 से बाहर हो गए हैं, लेकिन अब देखना होगा कि धोनी प्लेइंग-11 में किसको लेते हैं, मनीष पांडेय या अजिंक्य रहाणे। हालांकि मौका किसी को भी मिले पर हम सब यही चाहेंगे की सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज को हराकर भारत टी-20 फाइनल में पहुंचे और जीते।
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