मोहम्मद कैफ
नई दिल्ली:
विश्व कप में भारतीय टीम के मैचों को लेकर पिच पर लगातार किचकिच हो रही है। पहले मैच में नागपुर की पिच पर पहली गेंद से स्क्वेयर टर्न होना कीवी टीम से ज्यादा भारतीय टीम को भारी पड़ा। कहा गया कि भारत का वार उलटा पड़ा गया, भारतीय टीम के स्पिनर्स से ज्यादा पिच का फ़ायदा उठाया कीवी स्पिनर्स ने और बांए हाथ के स्पिनर ऑलराउंडर सैन्टनर 4 विकेट लेकर मैन ऑफ़ द मैच बने तो इश सोढ़ी ने भी कमाल की गेंदबाज़ी की।
कीवी टीम ने लाइन-अप में 3 स्पिनर शामिल किए और टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी उनके सामने ढेर हो गई और एक छोटे से लक्ष्य का पीछा करते हुए 47 रनों से हारी। खैर, इसके बाद सबने सोचा कि यहां से भारतीय टीम को सीख मिली होगी और पिच में सुधार आएगा और क्यूरेटर्स को इसके लिए अलग से निर्देश भी दिए जाएंगे ताकि एक स्पोर्टिंग पिच तैयार हो सके, लेकिन कोलकाता में हर कोई पिच पढ़ने में नाकाम रहा, जो सतह से बल्लेबाज़ी के लिए मददगार पिच नज़र आ रही थी। वो एक और स्क्वेयर टर्नर निकली और पहली ही गेंद से बड़ा टर्न स्पिनर्स को मिला। इस बार विपक्षी टीम की भूल का फ़ायदा और कोहली की मास्टरक्लास के चलते टीम इंडिया ने मैच जीता।
लेकिन एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में पूर्व टेस्ट क्रिकेटर मोहम्मद कैफ़ ने बताया की पिच क्यूरेटर तो अच्छी पिच बनाना चाह रहा है लेकिन वो भगवान नहीं कि उसकी मनमर्ज़ी की पिच बन जाए। हां कुछ सुधार और बदलाव की गुंजाइश ज़रूर है।
दो बातें यहां अहम हैं। अगर क्यूरेटर की बात करें तो वो चाहता है कि पिच पर घास ना हो, नमी ना हो और पिच एकदम पाटा बने। बल्लेबाज़ी के लिए आसान हो जाए, गेंद सीधा बैट पर आए, तो दो काम आप करते हैं, घास काट देते हैं और नमी निकालने की कोशिश करते हैं। पिच को धूप लगती है पानी ज्यादा पिच को देते नहीं है। तो इतना सूखी पिच हो जाती है कि फिर कोई ये अनुमान नहीं लगा सकता कि वो कैसा बर्ताव करेगी। वो बनाना चाहता है बैटिंग ट्रैक, लेकिन वो बन जाता है टर्नर। ये क्यूरेटर के भी हाथ में नहीं है।
विकेट जो रीड किया वो दोनों कप्तान ने गलत रीड किया भारत-पाकिस्तान मैच में। देखिए गलतियां सबसे हो रही हैं, लेकिन भगवान नहीं है क्यूरेटर की उसने जैसा चाहा वैसा विकेट बन जाए। मेरे विचार में पिच पर थोड़ी घास होनी चाहिए क्योंकि ये टी-20 फ़ॉर्मेट है, लोग यहां मनोरंजन के लिए आते हैं।
इसके बाद अब नज़र बेंगलुरु में होने वाले भारत-बांग्लादेश मैच की पिच पर होगी, जहां पिछले मैच में एक बार फिर स्लो टर्नर देखने को मिली।
कीवी टीम ने लाइन-अप में 3 स्पिनर शामिल किए और टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी उनके सामने ढेर हो गई और एक छोटे से लक्ष्य का पीछा करते हुए 47 रनों से हारी। खैर, इसके बाद सबने सोचा कि यहां से भारतीय टीम को सीख मिली होगी और पिच में सुधार आएगा और क्यूरेटर्स को इसके लिए अलग से निर्देश भी दिए जाएंगे ताकि एक स्पोर्टिंग पिच तैयार हो सके, लेकिन कोलकाता में हर कोई पिच पढ़ने में नाकाम रहा, जो सतह से बल्लेबाज़ी के लिए मददगार पिच नज़र आ रही थी। वो एक और स्क्वेयर टर्नर निकली और पहली ही गेंद से बड़ा टर्न स्पिनर्स को मिला। इस बार विपक्षी टीम की भूल का फ़ायदा और कोहली की मास्टरक्लास के चलते टीम इंडिया ने मैच जीता।
लेकिन एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में पूर्व टेस्ट क्रिकेटर मोहम्मद कैफ़ ने बताया की पिच क्यूरेटर तो अच्छी पिच बनाना चाह रहा है लेकिन वो भगवान नहीं कि उसकी मनमर्ज़ी की पिच बन जाए। हां कुछ सुधार और बदलाव की गुंजाइश ज़रूर है।
दो बातें यहां अहम हैं। अगर क्यूरेटर की बात करें तो वो चाहता है कि पिच पर घास ना हो, नमी ना हो और पिच एकदम पाटा बने। बल्लेबाज़ी के लिए आसान हो जाए, गेंद सीधा बैट पर आए, तो दो काम आप करते हैं, घास काट देते हैं और नमी निकालने की कोशिश करते हैं। पिच को धूप लगती है पानी ज्यादा पिच को देते नहीं है। तो इतना सूखी पिच हो जाती है कि फिर कोई ये अनुमान नहीं लगा सकता कि वो कैसा बर्ताव करेगी। वो बनाना चाहता है बैटिंग ट्रैक, लेकिन वो बन जाता है टर्नर। ये क्यूरेटर के भी हाथ में नहीं है।
विकेट जो रीड किया वो दोनों कप्तान ने गलत रीड किया भारत-पाकिस्तान मैच में। देखिए गलतियां सबसे हो रही हैं, लेकिन भगवान नहीं है क्यूरेटर की उसने जैसा चाहा वैसा विकेट बन जाए। मेरे विचार में पिच पर थोड़ी घास होनी चाहिए क्योंकि ये टी-20 फ़ॉर्मेट है, लोग यहां मनोरंजन के लिए आते हैं।
इसके बाद अब नज़र बेंगलुरु में होने वाले भारत-बांग्लादेश मैच की पिच पर होगी, जहां पिछले मैच में एक बार फिर स्लो टर्नर देखने को मिली।
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