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This Article is From Mar 07, 2016

एक बार फिर विजयी छक्का... एक बार फिर चैंपियन... एक बार फिर धोनी

एक बार फिर विजयी छक्का... एक बार फिर चैंपियन... एक बार फिर धोनी
एमएस धोनी ने एशिया कप के फाइनल में 6 गेंदों में 20 रन बनाकर मैच जिता दिया (फाइल फोटो)
टीम इंडिया को छक्के के साथ जीत दिलाना कप्तान धोनी के लिए आम बात रही है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह पल कहीं खो गए थे। टी-20 वर्ल्ड कप से पहले इनका लौटना बाकी टीमों के लिए खतरे की घंटी है। धोनी के एशिया कप फाइनल में 6 गेंदों में नाबाद 20 रनों की पारी से विपक्षी टीमें सतर्क हो गई होंगी।

धोनी जब बल्लेबाजी करने आए तब 14 गेंदों पर 22 रनों की जरूरत थी और धोनी की पारी के बाद भारत ने मैच 7 गेंद शेष रहते जीत लिया। धोनी से जब उनके लंबे हिट्स और छक्के लगाने पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, 'इस पर सवाल तो मीडिया ने ही खड़ा किया था। मैं तो बड़े शॉट्स खेल सकता हूं और ये निरंतरता की बात है।'

धोनी का यह कहना गलत भी नहीं है, क्योंकि फिनिशर धोनी का कोई सानी नहीं। लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो यह साफ हो जाएगा।

वनडे में चेज करते हुए धोनी का रिकॉर्ड
  • 148 मैच
  • 3933 रन
  • 183* सर्वश्रेष्ठ
  • 51.07 औसत
  • स्ट्राइक रेट - 83.20
  • 100/50-2/27

ये आंकड़े विपक्षी टीम के लिए और खतरनाक हो जाते हैं, जब बात जीते हुए मैचों में लक्ष्य का पीछा करने की हो।

वनडे में भारतीय जीत में लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी
  • 83 मैच
  • 2327 रन
  • 183* सर्वश्रेष्ठ
  • 100/50-2/15

लेकिन टी-20 में भी क्या वह इसी तरह फिनिशर का रोल निभाते हैं, आइए देखते हैं-

टी-20 में चेज़ करते हुए रिकॉर्ड
  • 30 मैच
  • 418 रन
  • 46.44 औसत
  • 48* सर्वश्रेष्ठ
  • 126.28 स्ट्राइक रेट

टी-20 में भारतीय जीत में लक्ष्य का पीछा करते हुए
  • 20 मैच
  • 222 रन
  • 46 सर्वश्रेष्ठ
  • 55.50 औसत
  • 141.40 स्ट्राइक रेट

अब टी-20 वर्ल्ड कप के लिहाज से धोनी के आंकड़े देख लेते हैं, क्योंकि भारत में लक्ष्य का पीछा करते हुए टी-20 में धोनी और खतरनाक हो जाते हैं-
  • 7 मैचों में 134 रन
  • औसत-67.00
  • स्ट्राइक रेट-121.81
  • सर्वश्रेष्ठ-46

फिनिशर का रोल आसान नहीं
खुद कप्तान धोनी मानते हैं कि यह कोई आसान बात नहीं और फिनिशर का रोल बहुत मुश्किल होता है। वह कहते हैं कि 'ये कोई स्ट्रैटजी नहीं है। यह एक बहुत मुश्किल बात है कि आप सीधे जाकर लंबे हिट्स लगाएं। मैं जानता हूं कई बार लोग बहुत से आंकड़े देते हैं, लेकिन यह जानना काफी रोचक होगा कि भारतीय क्रिकेट में पिछले 50 वर्षों में कितने खिलाड़ी ये काम निरंतर करते रहे हैं। हमें यह समझना होगा कि यह काम मुश्किल है। हम बहुत बार एक खिलाड़ी की आलोचना कर देते हैं, लेकिन उसे समय देना चाहिए, क्योंकि ये वाकई मुश्किल काम है।'

एशिया कप फाइनल में जीत के लिए लगाया छक्का धोनी का इंटरनेशनल क्रिकेट में 300वां छक्का था। ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय और विश्व में पांचवें बल्लेबाज़ हैं। धोनी जिस निरंतरता के साथ यह करते हैं वही वजह है कि उन्हें क्रिकेट का महानतम फिनिशर कहा जाता है।

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