- धामी सरकार ने 12 साल से अधिक सेवा वाले UPNL कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने का फैसला लिया.
- यह फैसला उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश और उपनल प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री से हुई बैठक के बाद लिया गया है.
- 12 फरवरी से पहले अन्य उपनल कर्मचारियों को भी चरणबद्ध तरीके से समान कार्य के लिए समान वेतन मिलेगा.
उत्तराखंड में 12 साल की सेवा पर उपनल कर्मचारियों को अब समान काम के लिए समान वेतन मिलेगा. जबकि 12 फरवरी से पहले अन्य कर्मचारियों को भी समान काम के लिए समान वेतन दिया जाएगा. बता दें कि राज्य के 22 हजार उपनल कर्मचारी (UPNL) कर्मचारी लंबित मांगों के लिए पिछले 15 दिन से हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें नियमित करने समेत समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए.
ये भी पढ़ें- मुंबई में क्लोरीन गैस लीक से मची अफरातफरी, सांस लेने में तकलीफ से परेशान कई लोग पहुंचे हॉस्पिटल
समान वेतन पर धामी सरकार का बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सरकार ने उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (UPNL) के माध्यम से विभिन्न विभागों में काम करने वाले कार्मिकों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. यह फैसला उत्तराखंड हाई कोर्ट, नैनीताल में योजित रिट याचिका संख्या 116/2018 (PIL) में पारित आदेश 12.11.2018 के अनुपालन में, उपनल प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री से हुई बैठक के बाद शासन स्तर पर विचार-विमर्श के बाद लिया गया है.
- राज्य सरकार के अधीन विभागों/संस्थानों में UPNL के माध्यम से तैनात ऐसे कार्मिक, जिन्होंने 12 साल या उससे अधिक की निरंतर सेवा पूर्ण कर ली है, उन्हें समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत पर वेतनमान का न्यूनतम वेतन एवं महंगाई भत्ता दिया जाएगा.
- अन्य UPNL कार्मिक, जिन्होंने चरणबद्ध रूप से निरंतर सेवाएं पूरी की हैं, उन्हें भी जल्द समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत के मुताबिक, वेतनमान का न्यूनतम वेतन एवं महंगाई भत्ता दिया जाएगा.
- राज्य सरकार ने साफ किया है कि इस फैसलों को लेकर जल्द ही औपचारिक आदेश जारी किए जाएंगे, ताकि कार्मिकों को समय से इनका लाभ मिल सके. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उपनल कार्मिकों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है. उनके दीर्घकालिक हितों की रक्षा के लिए जरूरी फैसले लगातार ले रही है.
रद्द होगा नो वर्क नो पे का आदेश
वही UPNL कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाएगा. नो वर्क नो पे के आदेश को रद्द किया जाएगा. वहीं, एस्मा के तहत कर्मचारियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं