उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
एक विशेष अदालत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को नई दिल्ली में 9, तीन मूर्ति लेन पर स्थित उनका सरकारी बंगला 27 दिसंबर तक खाली करने का निर्देश दिया. जिला न्यायाधीश अमरनाथ ने रावत का केंद्र द्वारा पारित घर खाली करने के आदेश पर रोक का अनुरोध स्वीकार नहीं किया.
न्यायाधीश ने उनसे उनका टाइप सात बंगला खाली करने को कहा जहां वह मुख्यमंत्री बनने से पहले रह रहे थे. उन्होंने अदालत से गुहार इसलिए लगाई क्योंकि उन्हें राउस एवेन्यू पर वैकल्पिक घर दिया गया था. उन्होंने कहा कि यह घर खराब हालत में है और उनके रहने के लिए सही नहीं है.
हालांकि जब मामला सुनवाई के लिए रखा गया तो केन्द्र ने कहा कि चूंकि रावत राउस एवेन्यू में स्थानान्तरित होने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें राज्य कोटा के तहत पुराना किला मार्ग पर एक और विकल्प दिया गया है जिसका उन्होंने विरोध नहीं किया. केन्द्र की दलील पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने कहा कि राज्य कोटे के तहत पुराना किला मार्ग पर आवंटित नए बंगले के संबंध में शर्तें पूरी होने पर अपीलकर्ता (रावत) 27 दिसंबर को या इससे पहले संबंधित परिसर (तीन मूर्ति मार्ग आवास) को खाली करें.
रावत ने अदालत से गुहार इसलिए लगाई थी क्योंकि उन्हें 2009 में केन्द्रीय मंत्री के तौर पर आवंटित तीन मूर्ति मार्ग स्थित टाइप सात बंगला खाली करने का सरकारी आदेश जारी हुआ था. हालांकि 15वीं लोकसभा भंग होने पर उन्हें एक जून 2016 तक राज्य कोटे के तहत दो साल के लिए आवास रखने की अनुमति दी गई थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायाधीश ने उनसे उनका टाइप सात बंगला खाली करने को कहा जहां वह मुख्यमंत्री बनने से पहले रह रहे थे. उन्होंने अदालत से गुहार इसलिए लगाई क्योंकि उन्हें राउस एवेन्यू पर वैकल्पिक घर दिया गया था. उन्होंने कहा कि यह घर खराब हालत में है और उनके रहने के लिए सही नहीं है.
हालांकि जब मामला सुनवाई के लिए रखा गया तो केन्द्र ने कहा कि चूंकि रावत राउस एवेन्यू में स्थानान्तरित होने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें राज्य कोटा के तहत पुराना किला मार्ग पर एक और विकल्प दिया गया है जिसका उन्होंने विरोध नहीं किया. केन्द्र की दलील पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने कहा कि राज्य कोटे के तहत पुराना किला मार्ग पर आवंटित नए बंगले के संबंध में शर्तें पूरी होने पर अपीलकर्ता (रावत) 27 दिसंबर को या इससे पहले संबंधित परिसर (तीन मूर्ति मार्ग आवास) को खाली करें.
रावत ने अदालत से गुहार इसलिए लगाई थी क्योंकि उन्हें 2009 में केन्द्रीय मंत्री के तौर पर आवंटित तीन मूर्ति मार्ग स्थित टाइप सात बंगला खाली करने का सरकारी आदेश जारी हुआ था. हालांकि 15वीं लोकसभा भंग होने पर उन्हें एक जून 2016 तक राज्य कोटे के तहत दो साल के लिए आवास रखने की अनुमति दी गई थी.
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