
चारधाम में इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और तीर्थयार्थियों की संख्या पांच लाख तक पहुंचने वाली है. पिछले दो वर्ष कोरोना के कारण चारधाम यात्रा (Uttarakhand Chardham Yatra) में बाधा के कारण इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. शनिवार तक 4.63 लाख श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन कर चुके हैं. श्रद्धालुओं की बढती तादाद के कारण उत्तराखंड सरकार ने चारों धामों में प्रति दिन दर्शनार्थियों (Badrinath-Kedarnath Pilgrims) की संख्या सीमित कर दी है . बदरीनाथ दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 16000, केदारनाथ के लिए 13000, गंगोत्री के लिए 8000 और यमुनोत्री के लिए 5000 तय की गई है .
चारधाम यात्रा की शुरुआत 3 मई को अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ हुई थी. केदारनाथ के कपाट 6 मई को जबकि बदरीनाथ के कपाट 8 मई को खुले थे.उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि चारधामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या तक ही रजिस्ट्रेश होंगे. परेशानी से बचने के लिए पंजीकरण की उपलब्धता की जांच के बाद ही कार्यक्रम बनाया जाए.
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उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चारों धाम (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) की क्षमता (कैरिंग कैपेसिटी) को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी है, जिसके अनुरूप पंजीकरण पोर्टल पर सॉफ्टवेयर को डिजाइन कर दिया गया है. जिन तारीखों में निर्धारित सीमा तक पंजीकरण हो चुके हैं उन तिथियों पर और अधिक पंजीकरण नहीं किया जा सकता दर्शनार्थियों को अगली उपलब्ध तिथियों पर पंजीकरण कराने की सलाह दी जा रही है. पंजीकरण करते समय श्रद्धालुगण उपलब्धता की जांच करने के बाद ही मंदिरों के भ्रमण का अपना कार्यक्रम बनाएं .
गौरतलब है कि कोविड-19 के दो साल में चारधाम यात्रा पर असर पड़ा था औऱ आम श्रद्धालु वहां नहीं जा सके. धीरे-धीरे पर्यटन दोबारा शुरू होने के साथ सख्त प्रावधानों के साथ इस बार तीर्थाटन हो रहा है.
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