कोरोना के बढ रहे मामलों के बीच तीन मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा से पहले उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को साफ किया कि बाहर से राज्य में आने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं की कोविड जांच रिपोर्ट, टीकाकरण प्रमाणपत्र या इससे संबंधित अन्य किसी प्रकार की जांच की अनिवार्यता नहीं है .कोविड जांच को लेकर भ्रम की स्थिति दूर करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यहां रात में एक बैठक में मुख्य सचिव एसएस संधु ने ये निर्देश दिए .
मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिये निर्देश दिए कि अग्रिम आदेशों तक यात्रियों एवं श्रद्धालुओं को राज्य की सीमा पर होने वाली असुविधा एवं भीड से बचाव के दृष्टिगत कोविड-19 जांच, टीकाकरण प्रमाणपत्र या अन्य किसी प्रकार की चेकिंग की अनिवार्यता नहीं है .हालांकि, उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा संचालित पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है.
संधु ने अधिकारियों से इस संबंध में शासन एवं प्रशासन स्तर पर स्थिति का निरन्तर अनुश्रवण करने को भी कहा . बैठक में स्वास्थ्य सचिव और पर्यटन सचिव के अलावा पुलिस महानिदेशक, मंदिर समिति के पदाधिकारी तथा यात्रा से जुड़े सभी जिलों के जिलाधिकारी भी मौजूद रहे .आगामी तीन मई को अक्षय तृतीया के पर्व पर उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी.
रूद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ के कपाट छह मई को जबकि चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट आठ मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे .पिछले दो सालों से कोविड-19 के कारण बंद रही चारधाम यात्रा में इस बार रिकार्ड श्रद्धालुओं के आने की संभावना है . चारों धामों के आसपास तथा उनके मार्गों पर पडने वाले अधिकतर होटल और धर्मशालाएं यात्रा शुरू होने से पहले ही बुक हो चुके हैं जबकि पर्यटन विभाग के पोर्टल पर भी अब तक बडी संख्या में श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं.
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