
- उत्तराखंड में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर 1064 जारी है, इस पर शिकायत की जा सकती है.
- पिछले तीन वर्षों में इस हेल्पलाइन पर 9000 से अधिक भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से जुड़ी शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
- विजिलेंस विभाग ने शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए कई अफसरों को ट्रैप कर रंगे हाथों पकड़ा है.
सरकारी विभाग में अपने छोटे-मोटे काम करवाने के लिए आम लोगों को अक्सर दर-दर भटकना पड़ता है. कई बार मामूली से काम के लिए भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन काम नहीं होता. कई बार सुनने में आता है कि काम के लिए तो रिश्वत देनी पड़ेगी. बिना रिश्वत के कई बार काम हो ही नहीं पाता. ऐसा अक्सर सरकारी विभागों में सुनने को मिलता है. लेकिन उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Govt On Corruption) इसे लेकर बहुत ही सख्त है. उत्तराखंड में एक ऐसा टोल फ्री नंबर एक्टिव है, जिस पर पिछले तीन सालों में भ्रष्टाचार से जुड़ी 9 हजार से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं. उन पर एक्शन भी लियागया है. यह टोल फ्री नंबर 1064 है.
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इस टोल फ्री नंबर पर करें भ्रष्टाचार की शिकायत
इस 1064 टोल फ्री नंबर पर कोई भी आम व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. 1064, यह टोल फ्री नंबर एक एंटी करप्शन हेल्पलाइन है, जिस पर भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी की शिकायत आम व्यक्ति दर्ज करवा सकता है. उत्तराखंड जैसे राज्य में अब इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, जहां विजिलेंस विभाग से जुड़ी शिकायतें भी दर्ज होती है.
दरअसल एक आम व्यक्ति को सरकारी विभाग में उसका कोई भी काम जिसमें बिजली, पानी, राशन कार्ड, आधार कार्ड, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र, वृद्धा पेंशन विकलांग पेंशन या फिर अन्य प्रकार के काम करवाने के लिए अगर उसे परेशान किया जा रहा है या उसे रिश्वत मांगी जा रही है तो वह 1064 टोल फ्री नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है.
3 सालों में मिलीं 9224 शिकायतें
उत्तराखंड में साल 2022 अप्रैल महीने से सितंबर साल 2025 तक टोल फ्री नंबर 1064 पर 9224 शिकायतें मिली जिसमें विजिलेंस के एंगल के तहत 1421 शिकायतें मिली, इसके अलावा 8005 नॉन विजिलेंस एंगल की शिकायतें मिली. नॉन विजिलेंस एंगल के शिकायतों को 1905 सीएम हेल्पलाइन नंबर पर कार्रवाई के लिए शिफ्ट किया गया लेकिन विजिलेंस के एंगल से 1421 शिकायतों में 62 में ट्रैप और अन्य में जांच की कार्रवाई की गई. वहीं साल 2025 में 1060 टोल फ्री नंबर पर 331 शिकायतों में से 12 पर कार्रवाई ट्रैप विजिलेंस ने की.
इन विभागों के अधिकारियों के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें
सबसे बड़ी बात यह है कि विजिलेंस विभाग पुलिस विभाग के तहत आता है. ऐसे में सबसे ज्यादा शिकायतें पुलिस विभाग की है. जिसके बाद राजस्व विभाग ,पंचायती राज विभाग ,विद्युत विभाग, स्वास्थ्य विभाग ,परिवहन विभाग ,राज्य कर विभाग, वन विभाग ,शहरी विकास विभाग ,आबकारी विभाग, आवास विकास परिषद, खाद्य आपूर्ति विभाग ,लघु सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, सहकारिता विभाग ,समाज कल्याण विभाग, वित्त विभाग, सैनिक कल्याण विभाग ,समाज कल्याण, कृषि विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध लगातार 1064 पर शिकायतें मिली हैं. इन पर कार्रवाई भी हो रही है.
विजिलेंस विभाग के डायरेक्टर आईपीएस अधिकारी वी मुरुगेशन ने बताया कि विजिलेंस विभाग आम लोगों से जुड़ी शिकायतों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है. यही नहीं विजिलेंस विभाग सरकारी कर्मचारियों द्वारा काम के बदले रिश्वत मांगने पर लोगों द्वारा की गई शिकायतों पर ट्रैप की कार्रवाई भी कर रहा है, ताकि रंगे हाथों सरकारी कर्मचारियों को पकड़ा जा सके.
92 कर्मचारी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए
विजिलेंस डायरेक्टर वी मुरुगेशन ने बताया कि विभाग ने 79 ट्रैप की कार्रवाई की हैं, अब तक 92 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इसमें 13 राजपत्रित और 79 अराजपत्रित शामिल हैं. विजिलेंस डायरेक्टर वी मुरुगेशन ने बताया विजिलेंस विभाग का कार्रवाई के मामले में सक्सेस रेट 71% रहा है, जिसमें पकड़े गए सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को सजा दिलवाई गई है.
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