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85 मौतें, 94 लापता, 3500 से ज्यादा घर टूटे... आपदा से देवभूमि को कितना नुकसान? पूरा आंकड़ा

आपदा की वजह से लोगों के घरों को नुकसान हुआ है, जिसमें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त 3726 से लोगों के घर टूटे हैं.

85 मौतें, 94 लापता, 3500 से ज्यादा घर टूटे... आपदा से देवभूमि को कितना नुकसान? पूरा आंकड़ा

साल 2025 में मानसून की बारिश ने अबतक कई राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है. 1 जून 2025 से 10 सितंबर 2025 तक बारिश के आंकड़े देखे जाएं, तो उत्तराखंड में मानसून सीजन में हुई अब तक हिमाचल, जम्मू कश्मीर, पंजाब, लद्दाख, दिल्ली, राजस्थान से ज्यादा बारिश हुई है. वैसे उत्तराखंड में सामान्य बारिश  1060.7 एमएम होती है, लेकिन इस बार 1300.2 एमएम बारिश हुई है. यानी 22% अधिक बारिश हुई.

कहां कितनी हुई बारिश

  • हिमाचल प्रदेश में 44% अधिक बारिश हुई 
  • जम्मू कश्मीर में 40% अधिक बारिश हुई
  • लद्दाख रीजन में मानसून में 427% अधिक बारिश हुई
  • पंजाब में 54% अधिक बारिश हुई
  • हरियाणा में 45% अधिक बारिश हुई
  • राजधानी दिल्ली में 40% बारिश अधिक हुई
  • राजस्थान में अब तक 72% बारिश ज्यादा हुई

जिलेवार आंकड़े

वहीं, उत्तराखंड में जिलेवार देखा जाए तो राज्य के में 13 जिलों में अब तक सबसे ज्यादा बारिश हुई है. इस मानसून सीजन में एक जून 2025 से 10 सितंबर 2025 तक हुई बारिश में- 

  • बागेश्वर जिले में 239% बारिश 
  • चमोली जिले में 93%
  • टिहरी गढ़वाल में 51%
  • हरिद्वार में 48%
  • अल्मोड़ा में 31%
  • देहरादून में 28%
  • उधम सिंह नगर में 25% 
  • उत्तरकाशी में 18% बारिश ज्यादा रिकॉर्ड दर्ज की गई है. 

यहां हुई माइनस बारिश

हालांकि, उत्तराखंड में अब तक मानसून सीजन में 22% ज्यादा बारिश रिकार्ड की गई है. उत्तराखंड के कुछ ऐसे जिले हैं, जिसमें माइनस में बारिश रिकार्ड दर्ज की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा-

  • पौड़ी जिले में -28%
  • चंपावत में -3%
  • रुद्रप्रयाग में -5%
  • पिथौरागढ़ में -4%
  • नैनीताल में -6% बारिश रिकॉर्ड की गई.

जान माल का हुआ बड़ा नुकसान

उत्तराखंड में एक अप्रैल 2025 से अभी तक मानसून से 85 लोगों की मौत हुई है, जिसमें चार लोगों के वन्य जीव संघर्ष के कारण मृत्यु हुई है. इसके अलावा 128 लोग घायल हुए हैं, जिसमें 48 लोग घायल वन्य जीव संघर्ष के कारण हुए हैं. लापता हुए लोगों की संख्या भी 94 के करीब है, जिसमें 67 लोग अकेले धराली आपदा में लापता हुए हैं. आपदा के कारण मवेशियों को भी बहुत नुकसान पहुंचा है, जिसमें 167 बड़े जानवर की मृत्यु हुई है. वहीं छोटे जानवरों की संख्या 6744 है, जिसमें 552 छोटे जानवर और 6192 मुर्गियों की संख्या है.

आपदा की वजह से लोगों के घरों को नुकसान हुआ है, जिसमें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त 3726 से लोगों के घर टूटे हैं. बुरी तरह से क्षतिग्रस्त 195 और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त 274 घर टूट चुके हैं. 75 गौशालाएं भी आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं.

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