नई दिल्ली: 
                                        पिछले रविवार को, योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने के लिए भेजे गए चार्टर्ड विमान में सवार होकर अपने घर गोरखपुर से निकले थे. बाद में उन्होंने कहा, "यह एक महत्वपूर्ण बैठक थी", लेकिन जोर देकर कहा कि वह प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के लिए दौड़ में नहीं थे. और वह सही थे, क्योंंकि जहां वे खड़े थे, वहां कोई दौड़ नहीं थी. कुछ घंटों के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश का नया मुख्यमंत्री घोषित किया गया और अगले दिन उन्होंने देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य का प्रभार संभाला. वह तब से काम पर हैं.
आज, वह अपने घर गोरखपुर की ओर अग्रसर हैं.
और वह योगी आदित्यनाथ नहीं हैं, जिन्होंने पिछले हफ्ते पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 लाख लोगों का शहर छोड़ दिया था. वह 'आदित्यनाथ योगी' हैं, जैसा की लखनऊ में उनके बंगले के बाहर लगी नेम प्लेट और सरकार की वेबसाइट उनके बारे में बता रही है. हजारों लोग जो योगी के स्वागत के लिए गोरखपुर की सड़कों पर कतारों में खड़े हैं या उनके वापस आने पर स्वागत करते होर्डिंग लगाए गए हैं, को वास्तव में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. यह वह शहर है, जिसने लगभग दो दशकों से भाजपा के भगवाधारी विवादास्पद हिंदुत्व चेहरे को चुना है. 2014 लोकसभा चुनाव में, पूर्व की तरह ही, आदित्यनाथ को अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों से कहीं ज्यादा वोट मिले.
यह भी वह निर्वाचन क्षेत्र है, जिसे आदित्यनाथ ने संसद में अपने विदाई संबोधन में उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों के लिए एक मॉडल के रूप में पेश किया था. उन्होंने कहा था कि गोरखपुर में व्यापारियों को गुंडा टैक्स नहीं देना पड़ता. चिकित्सकों का अपहरण नहीं होता.
स्थानीय लोग, नेता, व्यापारी कोई भी यह सुनिश्चित करने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं कि मुख्यमंत्री को भव्य स्वागत मिले. शहर में भगवा लहर है और हर एक व्यक्ति ने उनका स्वागत करने के लिए पोस्टर लगाए हैं.
एक कोने में, कुछ कर्मचारी अभी भी अधिक होर्डिंग का निर्माण कर रहे हैं. ट्रेडर्स एसोसिएशन और समुदाय के नेता जो महाराणा प्रताप महाविद्यालय पर (आदित्यनाथ के काफिले का पहला स्टॉप) योगी को गुलदस्ता पेश करना चाहते हैं की कतार इतनी लंबी थी कि जिला प्रशासन को सूची बनाकर पदानुक्रम तय करना पड़ा.
अपने समर्थकों के साथ एक बैठक के बाद, पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास को लेकर जिले के अधिकारियों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री के दौरे का यहां पहला दिन गोरखनाथ मठ में एक कार्यक्रम के साथ खत्म होगा, जहां वे महंत हैं. मठ के प्रबंधक द्वारका तिवारी ने कहा कि पड़ोसी जिलो से भी लोग मुख्यमंत्री को देखने आए हैं.
जिला पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और पुलिस ने करीबी नजर रखने के लिए ड्रोन की तैनाती सहित सभी कदम उठाए हैं.
                                                                        
                                    
                                आज, वह अपने घर गोरखपुर की ओर अग्रसर हैं.
और वह योगी आदित्यनाथ नहीं हैं, जिन्होंने पिछले हफ्ते पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 लाख लोगों का शहर छोड़ दिया था. वह 'आदित्यनाथ योगी' हैं, जैसा की लखनऊ में उनके बंगले के बाहर लगी नेम प्लेट और सरकार की वेबसाइट उनके बारे में बता रही है. हजारों लोग जो योगी के स्वागत के लिए गोरखपुर की सड़कों पर कतारों में खड़े हैं या उनके वापस आने पर स्वागत करते होर्डिंग लगाए गए हैं, को वास्तव में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. यह वह शहर है, जिसने लगभग दो दशकों से भाजपा के भगवाधारी विवादास्पद हिंदुत्व चेहरे को चुना है. 2014 लोकसभा चुनाव में, पूर्व की तरह ही, आदित्यनाथ को अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों से कहीं ज्यादा वोट मिले.
यह भी वह निर्वाचन क्षेत्र है, जिसे आदित्यनाथ ने संसद में अपने विदाई संबोधन में उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों के लिए एक मॉडल के रूप में पेश किया था. उन्होंने कहा था कि गोरखपुर में व्यापारियों को गुंडा टैक्स नहीं देना पड़ता. चिकित्सकों का अपहरण नहीं होता.
स्थानीय लोग, नेता, व्यापारी कोई भी यह सुनिश्चित करने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं कि मुख्यमंत्री को भव्य स्वागत मिले. शहर में भगवा लहर है और हर एक व्यक्ति ने उनका स्वागत करने के लिए पोस्टर लगाए हैं.
एक कोने में, कुछ कर्मचारी अभी भी अधिक होर्डिंग का निर्माण कर रहे हैं. ट्रेडर्स एसोसिएशन और समुदाय के नेता जो महाराणा प्रताप महाविद्यालय पर (आदित्यनाथ के काफिले का पहला स्टॉप) योगी को गुलदस्ता पेश करना चाहते हैं की कतार इतनी लंबी थी कि जिला प्रशासन को सूची बनाकर पदानुक्रम तय करना पड़ा.
अपने समर्थकों के साथ एक बैठक के बाद, पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास को लेकर जिले के अधिकारियों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री के दौरे का यहां पहला दिन गोरखनाथ मठ में एक कार्यक्रम के साथ खत्म होगा, जहां वे महंत हैं. मठ के प्रबंधक द्वारका तिवारी ने कहा कि पड़ोसी जिलो से भी लोग मुख्यमंत्री को देखने आए हैं.
जिला पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और पुलिस ने करीबी नजर रखने के लिए ड्रोन की तैनाती सहित सभी कदम उठाए हैं.
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