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योगी आदित्यनाथ सरकार अब बदलेगी इस कस्बे का नाम, जानें क्या है गौतम बुद्ध और तीर्थंकर महावीर से संबंध

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान महावीर ने यूपी के फाजिलनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था. सरकार ने फाजिलनगर कस्बे का नाम बदल कर पावानगरी करने की कार्रवाई शुरू कर दी है.

योगी आदित्यनाथ सरकार अब बदलेगी इस कस्बे का नाम, जानें क्या है गौतम बुद्ध और तीर्थंकर महावीर से संबंध
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के एक और कस्बे का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को गाजियाबाद जिले में पंचकल्याणक महा महोत्सव और भगवान पार्श्वनाथ जी की भव्य मूर्ति और 100 दिन में निर्मित गुफा मंदिर के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए दी. 

योगी आदित्यनाथ ने कहा क्या है

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भगवान महावीर ने यूपी के फाजिलनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने फाजिलनगर कस्बे का नाम बदल कर पावानगरी करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. 

उन्होंने कहा, ''भगवान महावीर का जन्म यद्यपि बिहार के वैशाली में हुआ था, लेकिन उन्होंने महापरिनिर्वाण उत्तर प्रदेश के ही पावागढ़ (फाजिलनगर) में प्राप्त किया था. आज मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमारी सरकार ने उस फाजिलनगर, जहां भगवान महावीर ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था, उसका नाम पावा नगरी करने की कार्यवाही आगे बढ़ाई है.''

क्यों महत्वपूर्ण है फाजिलनगर

फाजिलनगर पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का एक कस्बा है. इस कस्बे का जैन और बौद्ध धर्म दोनों से गहरा जुड़ाव है. इस कस्बे के आसपास कई गांवों में टीले हैं. इनमें से कुछ की खुदाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कराई है. इसमें कई प्राचीन वस्तुएं मिली हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये वस्तुएं बौद्ध कालीन हैं. ऐसी मान्यता है कि गौतम बुद्ध ने अपना अंतिम भोजन भी इसी जगह पर किया था. इसके बाद ही उनकी तबियत खराब हुई थी.फाजिलनगर से करीब 20 किमी की दूरी पर स्थित कुशीनगर नाम के कस्बे में गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण हासिल किया था.

इससे पहले सरकार ने कई शहरों और कस्बों का नाम बदल दिया था. इसमें सबसे प्रमुख है- इलाहाबाद. सरकार ने इस शहर और जिले का नाम प्रयागराज कर दिया था. अभी गाजीपुर, शाहजहांपुर और अलीगढ़ जिलों के नाम बदले जाने की मांग भी की जा रही है. हालांकि सरकार ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.

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