अफगानिस्तान में फंसे उत्तर प्रदेश के लोग सुरक्षित वापस आने को परेशान हैं. चंदौली के सूरज ने वहां से अपने और अपने 16 साथियों की तरफ से एक वीडियो मैसेज भेज कर भारत वापसी में मदद करने की अपील की है. ये सभी 17 लोग यूपी के हैं जो काबुल के कारखाने में काम कर रहे थे, जिसका मालिक तालिबान के डर से भाग गया है. इसी तरह गाजीपुर के कन्हैया पिछले महीने ही वहां गए थे. अब उनका परिवार भी उनके लिए परेशान है.
चंदौली के अमोघपुर गांव में सूरज का परिवार उनके लिए परेशान है. उनके पिता को ठीक से ये भी नहीं पता कि बेटा किस देश में है. बस इतना पता है कि तालिबान से डरा है.
सूरज के पिता बुद्धिराम कहते हैं, 'खालिस्तान में है या कौन है देश, उसी में है, जहां पर अभी हमला हुआ है. उसी जगह है मेरा बेटा फंसा हुआ. पहले तो ठीक ठाक था लेकिन इधर माहौल की वजह से बहुत परेशानी हो गया है. वो बोला था कि सरकार बदल गया है. अब तालिबान का सरकार हो गया. और यहां का मुख्यमंत्री भाग गया एकदम.'
गांव में सूरज के घर पर लोगों की भीड़ है. टीवी में तालिबान के कब्जे की खबरें देख कर लोग सूरज का हाल जानने उनके घर पहुंच रहे हैं. जितने मुंह उतनी बातें. सूरज की पत्नी रेखा कती हैं कि सूरज और उसके साथियों का पासपोर्ट उनके कारखाने के मालिक के पास था और वो तालिबान के डर से भाग गया है.
गाजीपुर जयरामपुर गांव में कन्हैया शर्मा के घर भी गांव वालों की भीड़ है. कन्हैया को पिछले महीने ही काबुल की एक स्टील फैक्ट्री में काम मिला था. तालिबान के आने से वो वापस आना चाहते हैं. उनका परिवार उनके लिए परेशान है.
कन्हैया के भाई अंगद शर्मा कहते हैं, 'हमारे भाई साहब भी और जितने भी लोग वहां गए हैं, डरे सहमे हुए हैं कि कहीं हमारे ऊपर भी ये गोला बारूद का प्रयोग ना किया जाए जिससे कि क्षति हो जाए और हमें परिवार से वंचित हो जाएं.'
प्रशासन के लोग भी उनके घर पहुंचे हैं और वीडियो कॉल कर उनका हाल जाना.
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