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यूपी में मंत्री ने अपने ही पीए को गिरफ्तार करने के लिए क्यों बुला ली पुलिस

UP Minister Asim Arun PA Case: राजनीति में आने से पहले असीम अरूण खुद भी एक IPS अफसर ही थे. तो पुलिस सेवा का वो मिज़ाज आज भी बना हुआ है.

यूपी में मंत्री ने अपने ही पीए को गिरफ्तार करने के लिए क्यों बुला ली पुलिस
असीम अरूण के पीए को पुलिस थाने ले जाती हुई.
  • यूपी के मंत्री असीम अरूण के निजी सचिव जय किशन सिंह पर महिला कर्मचारी द्वारा छेड़खानी का आरोप लगा है.
  • महिला कर्मचारी ने सीधे असीम अरूण को लिखित शिकायत देकर निजी सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
  • मंत्री असीम अरूण ने शिकायत मिलने के बाद पुलिस को बुलाकर निजी सचिव को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए थाने भेजा.
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रसूख और पद बड़ा हो जाए तो इंसान कई बार उसके नशे में गलत हरकतें करने लगता है. ये सोचकर कि उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा. ऐसा ही कुछ सोचकर यूपी के एक मंत्री के पीए ने मंत्री के विभाग की कर्मचारी के साथ छेड़खानी कर दी. सोचा कि कर्मचारी उनके रसूख से डर जाएगी और वो कर्मचारी का शोषण करते रहेंगे. पर उस महिला कर्मचारी ने पीए की शिकायत सीधे मंत्री को कर दी और मंत्री ने भी पुलिस बुलाकर उनकी खूब फजीहत करा दी.   

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यूपी के मंत्री का क्या है मामला

असीम अरूण यूपी के समाज कल्याण मंत्री हैं. उनके विभाग में काम करने वाली महिला कर्मचारी ने उनके निजी सचिव पर छेड़खानी का आरोप लगा दिया. इसके बाद मंत्री ने फोनकर पुलिस फोर्स बुला ली. महिला ने मंत्री असीम अरुण से छेड़खानी की शिकायत की थी. मंत्री ने गोमतीनगर इंस्पेक्टर को बुलाकर निजी सचिव को पुलिस के हवाले कर दिया. मंत्री के निजी सचिव का नाम जय किशन सिंह है. इन पर आरोप है कि भागीदारी भवन में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने निजी सचिव जय किशन सिंह पर शील भंग का आरोप लगाते हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण से लिखित शिकायत की. शिकायत के आधार पर असीम अरुण ने गोमतीनगर SHO को आरोपी निजी सचिव के विरुद्ध अग्रिम विधिक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया. इसके बाद पुलिस आरोपी को पूछताछ के लिए लेकर थाने गई.

असीम अरूण पहले भी रहे चर्चा में

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इससे पहले यूपी के मंत्री असीम अरूण की एक चिट्ठी की बड़ी चर्चा हुई थी. अरूण के इस पत्र ने कई लोगों को आईना दिखा दिया था. बीजेपी के साथी नेताओं को और साथ ही यूपी के अफ़सरों को भी. आपको बता दें कि राजनीति में आने से पहले असीम अरूण खुद भी एक IPS अफसर ही थे. तो पुलिस सेवा का वो मिज़ाज आज भी बना हुआ है. असीम अरूण के पिता श्रीराम अरूण भी यूपी के डीजीपी रहे हैं. 

दरअसल, यूपी के समाज कल्याण मंत्री असीम अरूण वाराणसी के दौरे पर थे. प्रोटोकॉल के तहत वहां उन्हें एक गाड़ी दी गई. पर मंत्री असीम अरूण ने वो इनोवा गाड़ी लौटा दी. गाड़ी वापस करने से पहले उन्होंने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को चिट्ठी लिखी. चिट्ठी के साथ उन्होंने अग्रवाल को गाड़ी की एक फोटो भी भेज दी. असीम अरूण ने पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिख कर गाड़ी का चालान करने के लिए कहा. दरअसल, उस इनोवा गाड़ी में एक अनधिकृत नीले रंग की लाईट लगी थी. मंत्री होने के नाते वे इस लाईट लगी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसीलिए उन्होंने प्रोटोकॉल में वो गाड़ी लेने से मना कर दिया. 

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