वाराणसी नगर निगम में बैठकों में राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया गया है.
- विपक्ष के सदस्यों ने आदेश का विरोध किया
- भाजपा और विपक्षी पार्षदों में हुआ था विवाद
- सपा, कांग्रेस और बसपा के पार्षदों ने कड़ी नाराजगी जताई
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वाराणसी:
वाराणसी नगर निगम ने अपनी बैठकों में राष्ट्रगीत ‘वंदेमातरम’ और राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के गायन को अनिवार्य कर दिया है. भाजपा शासित इस निगम के विपक्षी सदस्यों ने इस आदेश का विरोध किया है.
महापौर रामगोपाल मोहले ने एक बयान में कहा कि नगर निगम की प्रत्येक बैठक की शुरुआत राष्ट्रगीत ‘वंदेमातरम’ और समापन राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ से होगा. वंदेमातरम राष्ट्रीय भावना और जन गण मन आस्था का प्रतीक है. इसलिए इसका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
शनिवार को सदन में वंदेमातरम गाए जाने पर भाजपा और विपक्षी पार्षद आमने-सामने आ गए थे. हंगामे से आधे घंटे तक बैठक की कार्यवाही बाधित हुई जिसके बाद रविवार को महापौर रामगोपाल मोहले ने राष्ट्रगान के साथ ही राष्ट्रगीत के गायन को भी अनिवार्य करने का आदेश जारी कर दिया.
सपा, कांग्रेस और बसपा के पार्षदों ने इस नई परंपरा को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि वे भी इस गीत का सम्मान करते हैं लेकिन इसे जबरन थोपा नहीं जा सकता.
महापौर ने बताया कि सदन में पहले भी वंदे मातरम के गायन की परंपरा रही है. शनिवार को कुछ विपक्षी पार्षदों ने विरोध कर इसका अपमान किया है. इसका विरोध और नारेबाजी करने वाले इन पार्षदों को चिन्हित कर उनके खिलाफ विधिक सलाह लेकर कार्रवाई की जाएगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महापौर रामगोपाल मोहले ने एक बयान में कहा कि नगर निगम की प्रत्येक बैठक की शुरुआत राष्ट्रगीत ‘वंदेमातरम’ और समापन राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ से होगा. वंदेमातरम राष्ट्रीय भावना और जन गण मन आस्था का प्रतीक है. इसलिए इसका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
शनिवार को सदन में वंदेमातरम गाए जाने पर भाजपा और विपक्षी पार्षद आमने-सामने आ गए थे. हंगामे से आधे घंटे तक बैठक की कार्यवाही बाधित हुई जिसके बाद रविवार को महापौर रामगोपाल मोहले ने राष्ट्रगान के साथ ही राष्ट्रगीत के गायन को भी अनिवार्य करने का आदेश जारी कर दिया.
सपा, कांग्रेस और बसपा के पार्षदों ने इस नई परंपरा को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि वे भी इस गीत का सम्मान करते हैं लेकिन इसे जबरन थोपा नहीं जा सकता.
महापौर ने बताया कि सदन में पहले भी वंदे मातरम के गायन की परंपरा रही है. शनिवार को कुछ विपक्षी पार्षदों ने विरोध कर इसका अपमान किया है. इसका विरोध और नारेबाजी करने वाले इन पार्षदों को चिन्हित कर उनके खिलाफ विधिक सलाह लेकर कार्रवाई की जाएगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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