
- असीम अरूण ने वाराणसी में सरकारी गाड़ी लेने से मना किया
- उन्होंने पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी भेजी
- चिट्ठी में गाड़ी का चालान करने का निर्देश दिया गया
- गाड़ी में अनधिकृत नीली लाईट लगी थी
यूपी के मंत्री असीम अरूण की बड़ी चर्चा हो रही है. ज़िक्र उनकी एक चिट्ठी का है. असीम अरुण के इस पत्र ने बीजेपी के साथी नेताओं के साथ-साथ यूपी के अफसरों समेत कई लोगों को आईना दिखा दिया है. वैसे राजनीति में आने से पहले असीम अरूण खुद भी एक IPS अफसर ही थे. तो पुलिस सेवा का वो मिजाज आज भी बना हुआ है. असीम अरूण के पिता श्रीराम अरूण भी यूपी के डीजीपी रहे हैं.
यूपी के समाज कल्याण मंत्री असीम अरूण वाराणसी के दौरे पर थे. प्रोटोकॉल के तहत वहां उन्हें एक गाड़ी दी गई पर मंत्री असीम अरूण ने वे इनोवा गाड़ी लौटा दी. गाड़ी वापस करने से पहले उन्होंने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को चिट्ठी लिखी. चिट्ठी के साथ उन्होंने अग्रवाल को गाड़ी की एक फोटो भी भेज दी. असीम अरूण ने पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिख कर गाड़ी का चालान करने के लिए कहा.

मंत्री असीम अरूण को वाराणसी प्रशासन से जो सरकारी गाड़ी मिली, उसे उन्होंने लेने से मना कर दिया क्योंकि इनोवा गाड़ी में एक अनधिकृत नीले रंग की लाईट लगी थी. मंत्री होने के नाते वे इस लाईट लगी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसलिए उन्होंने प्रोटोकॉल में वो गाड़ी लेने से मना कर दिया. वैसे तो इन दिनों इस बात की चर्चा होती हैं कि किसी मंत्री ने कोई नियम तोड़ दिया लेकिन ऐसे में मंत्री असीम ने अपने साथी नेताओं को भी आईना दिखा दिया.
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