- उत्तर प्रदेश पुलिस ने गोरखपुर में फर्जी IAS अधिकारी ललित किशोर को गिरफ्तार किया, जिसने चार राज्यों में ठगी की.
- आरोपी ने नौकरियों और ठेके दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये उगाही के लिए साले और दोस्त का सहयोग लिया.
- ललित ने लाल बत्ती लगी लग्जरी गाड़ियों और गनर रखकर खुद को असली IAS अधिकारी के रूप में पेश किया.
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर पुलिस ने ऐसे फर्जी IAS को गिरफ्तार किया है, जिसने शान-ओ शौकत की जिंदगी जीने के लिए अपने साले और दोस्त का सहारा लिया. IAS बनकर चार राज्यों में अपना नेटवर्क फैलाया, करोड़ों की ठगी की, 4 को गर्लफ्रेंड बनाया, जिनमें तीन प्रेग्नेंट निकली. प्रोटोकॉल भी ऐसा कि देखकर हर कोई दंग रह जाए. नीली बत्ती, लग्जरी गाड़ियां, एक दर्जन से अधिक गनर ये सब भी वह दिखावे के लिए साथ रखता था. उसनें चार गर्लफ्रेंड बनाई, जिनमें तीन को प्रेग्नेंट भी कर दिया. शाही बिहार की एक लड़की से की. उसका क्राइम रिकॉर्ड जानकर गोरखपुर पुलिस भी हैरान रह गई.
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पिछले छह महीनों से फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर घूम रहे ललित कुमार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी की पहचान बिहार के सीतामढ़ी के ललित किशोर के रूप में हुई है जो खुद को आईएएस अधिकारी “गौरव कुमार” बताता था. पुलिस के अनुसार ललित को बुधवार को गिरफ्तार किया गया.
नौकरियों के नाम पर करता था उगाही
पुलिस का कहना है कि आरोपी ने कथित तौर पर फर्जी निरीक्षण, ठेके और नौकरियों का वादा करके बड़े पैमाने पर उगाही का रैकेट चला रखा था. उसके साले अभिषेक कुमार और सहयोगी परमानंद गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया है. यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब पुलिस को एक गुमनाम शिकायत मिली, जिसके बाद जांच शुरू हुई. जांच में पता चला कि ललित चिलुआताल में एक किराए के घर में रहता है और झुंगिया बाजार में उसने एक कार्यालय खोल रखा है.
लाल बत्ती गाड़ी में घूमता था फर्जी IAS
असली दिखने के लिए, वह लाल बत्ती लगी गाड़ियों में घूमता था, जाली सरकारी नेमप्लेट लगाता था और यहां तक कि 30,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से 10 बंदूकधारी और 60,000 रुपये में एक स्टेनोग्राफर भी रखा हुआ था.
पुलिस ने नकदी, जाली पहचान पत्र, लैपटॉप, गहने और कई एआई-जेनरेटेड तस्वीरें बरामद कीं, जिनमें ललित ने पीड़ितों को लुभाने के लिए असली अधिकारियों के चेहरों की जगह अपना चेहरा लगा दिया था. ललित ने कथित तौर पर निजी स्कूलों में फर्जी “निरीक्षण” किए और बड़ी रकम वसूली. एक मामले में, उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर एक स्कूल से 55 लाख रुपये तक की मांग की थी. ललित ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्यप्रदेश में लोगों को ठगा है.
ठेके दिलाने के नाम पर ऐंठे 1.70 करोड़ रुपये
पटना के एक शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने ठेके पाने के लिए ललित को 1.70 करोड़ रुपये से ज़्यादा पैसे और दो गाड़ियां दी थीं. अपर पुलिस अधीक्षक नगर अभिनव त्यागी ने कहा, “फर्जी आईएएस अधिकारी ललित किशोर और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर (विधिक कार्रवाई के तहत) जेल भेज दिया गया है... जिस किसी को भी ठगा गया है, उनसे अनुरोध है कि वे पुलिस ऑफिस आकर शिकायत दर्ज कराएं.”
आखिर कौन फर्जी IAS गौरव?
गोरखपुर पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि फर्जी IAS ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है. उसके पिता मजदूरी करते हैं. फर्जी IAS ने MSC की पढ़ाई के बाद 3 साल तक सिविल सेवा की तैयारी की. कामयाबी नहीं मिली तो 2022 में सेंटर खोल कर कोचिंग का काम शुरू किया. इसी बीच किसी को नौकरी दिलाने के नाम पर दो लाख रुपए लिए. नौकरी नहीं मिली तो उसने पैसे मांगना शुरू किया. जब ललित ने पैसे नहीं दिए तो पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराया. उसके बाद ललित अंडरग्राउंड हो गया. वह 1 साल बाद फिर सामने आया.रुतबा दिखाने के लिए वह फर्जी आईएएस गौरव कुमार बना .लोगों से कहने लगा कि मेरा सलेक्शन हो गया. फिर 3 साल अंडरग्राउंड रहते हुए एक युवती से मंदिर में शादी की. जब पैसे की जरूरत पड़ी तो उसने अपना शौक पूरा करने के लिए सीतामढ़ी के रहने वाले अपने साले अभिषेक का सहारा लिया. और अभिषेक ने गोरखपुर के रहने वाले अपने दोस्त परमानंद गुप्ता से संपर्क बनाकर जालसाजी का खेल शुरु किए.
फर्जी IAS ललित उर्फ गौरव ने बताया कि, उसने साले के साथ मिलकर AI के जरिए फर्जी आईडी IAS का नेम प्लेट बनवाया. फिर फर्जी तरीके से अधिकारियों के साथ मीटिंग करना, टेंडर दिलाना, वेतन रोकना, निरीक्षण करना,अधिकारी को थप्पड़ मारना फिर यह सारे कार्य लोगों को दिखाने के लिए AI के जरिए पेपर पर एडिटिंग कर भेजने लगा, ताकि उनको विश्वास हो सके.
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