पहली किसी राज्य की सीधी कोशिश से किसी केस में विदेश से आरोपियों का प्रत्यर्पण हो रहा है.आमतौर प्रत्यर्पण केंद्रीय एजेंसियों के जरिये होता है. करोड़ों रुपये की ठगी का ये मामला बुलंदशहर का है. इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (UP EOW) की कोशिश से लंदन की कोर्ट ने आरोपी पति-पत्नी को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दे दिया है. मेरठ आर्थिक अपराध शाखा के एसपी स्वप्निल ममगाईं के मुताबिक, बुलंदशहर की एक फर्म सौरभ एंड कंपनी से सोनीपत की एक फर्म बुश एण्ड फूडस प्राइवेट लिमिटेड से 1,76,41,439 रुपये के चावल खरीदे लेकिन उसे पैसे नहीं दिए. मामले में 2015 में बुलंद शहर कोतवाली में ठगी का मामला दर्ज किया गया लेकिन केस दर्ज होते ही बुश एंड फ़ूड के निदेशक वीरकरन अवस्थी और उसकी उतनी रितिका अवस्थी लंदन भाग गए.
इसके बाद मामले की जांच मेरठ की आर्थिक अपराध शाखा को दी गई. पुलिस कई बार आरोपियों के दिल्ली के वसंत विहार के घर भी आई लेकिन बाद में पुलिस को पता चला कि दोनों आरोपी पति पत्नी लंदन में हैं. इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने राज्य स्तर से करीब 1 साल पहले से गृह मंत्रालय के जरिये आरोपियों को भारत प्रत्यर्पित करवाने की कोशिश शुरू की.इस मामले में लंबे समय से भारत प्रत्यर्पण के प्रत्यावेदन पर वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट लंदन में सुनवाई चल रही थी. वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट लंदन में अलग-अलग तारीखों पर प्रत्यर्पण के प्रत्येक पहलू पर सुनवाई की गई तथा आर्थिक अपराध शाखा के स्तर से पैरवी कर केस से जुड़े तमाम दस्तावेज सौपें गए. सुनवाई के बाद वरिष्ठ जिला जज वेस्टमिन्सटर कोर्ट लंदन के द्वारा बीते 15 दिसम्बर को आरोपी वीरकरण अवस्थी और रितिका अवस्थी को भारत प्रत्यर्पण किये जाने का आदेश पारित किया है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा समेत कई राज्यों में करोड़ो की ठगी के कई मामले दर्ज हैंण्
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