Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur kheri) हिंसा मामले के 52 वीडियो वायरल हो रहे हैं, इससे बीजेपी में बेचैनी है. Thar से कुचलते किसानों की तस्वीरों को देखकर लोगों के बीच तीखा प्रतिक्रिया और रोष है. लखीमपुर कांड के असर वाले यूपी और उत्तराखंड के 6 जिलों की 39 विधानसभा सीटों में से 34 बीजेपी के पास हैं. इसलिए इन इलाकों के बीजेपी विधायक को अंदर ही अंदर आशंका सता रही है. इसमें से कुछ पार्टी की वजह से खामोश है तो कुछ पार्टी अनुशासन की अनदेखी करते हुए किसानों के पक्ष में बोल रहे हैं. ताजा बयान बीजेपी के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह का आया है.बलिया से बीजेपी के पूर्व विधायक राम इकबाल कहते हं कि मंत्री के बेटे को उसी दिन गिरफ्तार करना चाहिए था.
उन्होंने कहा, 'यह गिरफ्तारी उसी दिन हो जाती तो बात समाप्त हो गई होती लेकिन उसको पकड़ने के चक्कर में, उसके बुलाने के चक्कर में, जांच के नाम पर लटकाने की जो आदत पड़ गई है, उसने सरकार की जनजन तक किरकिरी करा दी है' . बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने 14 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का किसानों की हिमायत में भाषण का वीडिया ट्वीट किया था. उनकी मां, बीजेपी सांसद मेनक गांधी ने इसे रिट्वीट किया.वरुण ने लिखा था-बड़े दिल वाले नेता की समझदारी की बातें.
जाहिर है वरुण अपने मौजूदा बीजेपी नेतृत्व पर छोटे दिल का होने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने 10 अक्टूबर को ट्वीट करके इल्जाम लगाया था कि लखीमपुर कांड को हिंदू बनाम सिख बनपाया जा रहा है . उन्होंने लिखा था-यह लखीमपुर कांड को हिंदू बनाम सिख करने की कोशिश है. अनैतिक और गलत है. यह खतरनाक है जिससे दूरी बढ़ेगी, जख्म हरे होंगे, जिसे भरने में एक पीढ़ी गुजर गई. हमें राष्ट्रीय एकता को घटिया सियासत से ऊपर रखना चाहिए. योगी सरकार के जल संचय राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, लखीमपुर घटना के तीसरे दिन 6 अक्टूबर को महेंद्र सिंह टिकैत की जयंती पर रामपुर में भारतीय किसान यूनियन के दफ्तर में उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे.वे लखीमपुर कांड में घायल किसानों को देखने उत्तराखंड भी गए. औलख रामपुर की बिलासपुर सीट से विधायक है जहां बड़ी तादाद में सिख किसान वोटर हैं. एक तरह से किसानों को थार से कुचलने की तस्वीरें, लोगो में जेहन में चिपक गई हैं. इन तस्वीरों को जल्दी भुलाना आसान नहीं है.यूपी में अगले साल चुनाव होने हैं. इस कांड का जिन जिलों में ज्यादा असर है उनमें पांच जिले यूपी के और एक उत्तराखंड का है. पिछले चुनाव में इनकी ज्यादातर सीटों पर बीजेपी जीती थी.
लखीमपुर और आसपास के जिलों की सीटों में बीजेपी का वर्चस्व...
* लखीमपुर खीरी में 8 विधानसभा सीटें हैं, सभी बीजेपी के पास हैं.
* पीलीभीत में चार विधानसभा सीटें हैं सभी बीजेपी के पास हैं.
* बरेली में 9विधानसभा सीटें हैं और सभी की सभी यानी पूरी 9 बीजेपी के पास हैं.
* शाहजहांपुर में 6विधानसभा सीट हैं इसमें से पांच बीजेपी के पास हैं.
* रामपुर में 5 विधानसभा सीट हैं इसमें से दो बीजेपी के पास हैं.
*ऊधमसिंह नगर में सात विधानसभा सीटें हैं, इसमें से 6 बीजेपी के पास हैं.
शायद इसीलिए यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव पार्टी के एक सम्मेलन में कहते हैं कि वह राजनीति में लोगों को फार्च्यूनर से कुचलने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि नेतागीरी का मतलब लूटने नहीं आए हैं. फार्च्यूनर स कुचलने नहीं आएहैं.
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